तीस्ता सीतलवाड़
Teesta Setalvad Bail: सुप्रीम कोर्ट ने 2002 के गोधरा कांड के बाद हुए दंगों के मामलों में निर्दोष लोगों को फंसाने के लिए कथित तौर पर सबूत गढ़ने के मामले में सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ को बुधवार को नियमित जमानत दे दी. जस्टिस बी आर गवई, जस्टिस ए एस बोपन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच ने सीतलवाड़ को नियमित जमानत देते हुए गुजरात हाई कोर्ट के आदेश को रद्द कर दिया.
शीर्ष अदालत ने कहा कि सीतलवाड़ के खिलाफ मामले में आरोपपत्र दायर कर दिया गया है और उनसे हिरासत में पूछताछ की जरूरत नहीं है. बेंच ने कहा, ‘‘अपीलकर्ता का पासपोर्ट पहले ही जमा किया जा चुका है, जो सत्र अदालत के पास रहेगा. अपीलकर्ता गवाहों को प्रभावित करने का कोई प्रयास नहीं करेंगी और उनसे दूर रहेंगी.’’
पीठ ने गुजरात पुलिस को यह छूट दी कि यदि मामले में गवाहों को प्रभावित करने का प्रयास किया जाता है तो वह सीधे शीर्ष अदालत आ सकती है. बता दें कि गोधरा कांड के बाद हुए दंगों के मामलों में निर्दोष लोगों को फंसाने के लिए कथित तौर पर सबूत गढ़ने के आरोप में सीतलवाड़ को पिछले साल 25 जून को गुजरात के पूर्व पुलिस महानिदेशक आर बी श्रीकुमार और पूर्व आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट के साथ अहमदाबाद अपराध शाखा पुलिस द्वारा दर्ज एक मामले में हिरासत में लिया गया था.
अहमदाबाद की एक सत्र अदालत ने 30 जुलाई, 2022 को सीतलवाड़ और श्रीकुमार की जमानत अर्जी यह कहते हुए खारिज कर दी थी कि उनकी रिहाई से गलत काम करने वालों के लिए यह संदेश जाएगा कि कोई व्यक्ति आरोप लगा सकता है और दंड से बच सकता है.
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हाई कोर्ट ने राहत न मिलने के बाद पहुंची थीं SC
हाई कोर्ट ने तीन अगस्त, 2022 को सीतलवाड़ की जमानत याचिका पर राज्य सरकार को नोटिस जारी किया था और मामले की सुनवाई 19 सितंबर को तय की थी. इस बीच, सीतलवाड़ ने हाई कोर्ट द्वारा याचिका पर विचार करने से इनकार करने के बाद अंतरिम जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. शीर्ष अदालत ने पिछले साल दो सितंबर को सीतलवाड़ को अंतरिम जमानत दे दी थी और गुजरात हाई कोर्ट द्वारा उनकी नियमित जमानत याचिका पर फैसला करने तक अपना पासपोर्ट निचली अदालत में जमा करने को कहा था.
-भारत एक्सप्रेस
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