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NEET Paper Leak मामले में बनी कमेटी ने दिए टेस्ट पेपर डिजिटल रूप से भेजने के सुझाव, ऑनलाइन एग्जाम कराने की कही बात

समिति ने अपनी रिपोर्ट में सबसे महत्वपूर्ण सुझाव दिया है कि NEET के पेपर को डिजिटल रूप से भेजा जाए. जहां तक संभव हो, परीक्षाएं ऑनलाइन आयोजित की जानी चाहिए.

प्रतीकात्मक चित्र

नीट पेपर लीक की घटनाओं ने पूरे देश में बवाल मचाया, जिससे छात्रों ने नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) और सरकार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया. इस बढ़ती समस्या को देखते हुए, सरकार ने इसरो के पूर्व प्रमुख डॉक्टर के. राधाकृष्णन की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया, जो इस मामले में सुधार की सिफारिशें प्रस्तुत करे.

समिति के सुझाव: प्रश्नपत्रों को डिजिटल रूप से भेजा जाए

समिति की रिपोर्ट में सबसे अहम सुझाव यह दिया गया कि नीट सहित अन्य प्रवेश परीक्षाओं के प्रश्नपत्रों को डिजिटल रूप से भेजा जाए. जहां संभव हो, ऑनलाइन परीक्षाएं आयोजित करने की सिफारिश की गई है. यह प्रक्रिया प्रश्नपत्रों की सुरक्षा को बढ़ाएगी और पेपर लीक जैसी घटनाओं को रोकेगी.

हाइब्रिड मोड में हो परीक्षाएं

समिति ने उन परीक्षाओं के लिए हाइब्रिड मोड का सुझाव दिया है जहां पूर्ण रूप से ऑनलाइन परीक्षा कराना संभव नहीं हो. इस मोड में, प्रश्नपत्र डिजिटल रूप से भेजा जाएगा, लेकिन उम्मीदवार ओएमआर शीट पर अपने उत्तर अंकित करेंगे. यह व्यवस्था प्रश्नपत्रों के सुरक्षित वितरण में मदद करेगी, जिससे पेपर लीक की घटनाओं में कमी आ सकेगी.

NTA की संरचना में सुधार

समिति ने सुझाव दिया है कि NTA (नेशनल टेस्टिंग एजेंसी) में सुधार की आवश्यकता है. वर्तमान में, NTA मुख्य रूप से अस्थायी कर्मचारियों पर निर्भर है. समिति ने स्थायी कर्मचारियों की संख्या बढ़ाने और परीक्षा केंद्रों को निजी सेवाओं पर निर्भर करने की बजाय सरकार के तहत बढ़ाने की सलाह दी है. इससे परीक्षाओं की गुणवत्ता और सुरक्षा में वृद्धि होगी.

परीक्षा दो चरणों में आयोजन का प्रस्ताव

समिति ने यह भी सिफारिश की है कि NEET-UG परीक्षा को दो चरणों में आयोजित किया जाए, ठीक वैसे ही जैसे JEE मेन और एडवांस्ड परीक्षाओं का आयोजन होता है. इससे परीक्षार्थियों की बड़ी संख्या को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी और परीक्षा प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी बनाया जा सकेगा.

CUET में विषयों के चयन को सीमित करने का सुझाव

समिति ने केंद्रीय विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा (CUET) में सुधार करने का भी प्रस्ताव दिया है. उन्होंने सुझाव दिया है कि छात्रों के लिए विषयों की संख्या को सीमित किया जाए ताकि प्रवेश परीक्षा का उद्देश्य सामान्य योग्यता और विषय ज्ञान का परीक्षण हो, न कि बोर्ड परीक्षाओं के दोहराव का.

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-भारत एक्सप्रेस



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