राउज एवेन्यू कोर्ट
दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर बेसमेंट में डूबने से मृत नेविन डाल्विन के पिता डाल्विन सुरेश को राऊज एवेन्यू कोर्ट से झटका लगा है. कोर्ट ने सुरेश की उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें उन्होंने मामले में जांच अधिकारी बदलने, महानिरीक्षक से नीचे के रैंक के अधिकारी से जांच कराने इत्यादि की मांग की थी.
इसके अलावा याचिका में उन्होंने जांच की निगरानी करने और सीबीआई को एमसीडी, दिल्ली अग्निशमन सेवा, दिल्ली पुलिस आदि के अधिकारियों से पूछताछ करने और उन्हें गिरफ्तार करने का निर्देश देने की मांग की थी. राउज एवेन्यू कोर्ट के अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट निशांत गर्ग ने याची और सीबीआई के वकील की दलीलें सुनने के बाद याचिका खारिज कर दी. उन्होंने 20 सितंबर को पारित आदेश में कहा चूंकि यह अदालत सीबीआई को एफआईआर दर्ज करने और अपराध की जांच करने का निर्देश देने के संबंध में धारा 156(3) सीआरपीसी के तहत शक्तियों का प्रयोग नहीं करती है, इसलिए यह अदालत जांच की निगरानी भी नहीं कर सकती, जांच अधिकारी (आईओ) को बदलने का निर्देश नहीं दे सकती.
अदालत ने कहा कि अन्यथा भी दिल्ली उच्च न्यायालय के 2 अगस्त 2024 के आदेश के माध्यम से जिसके द्वारा सीबीआई को मामले की जांच करने का निर्देश दिया गया था, उच्च न्यायालय ने मुख्य केंद्रीय सतर्कता आयुक्त को नियमित आधार पर सीबीआई द्वारा की जा रही जांच की प्रगति की निगरानी करने और यह सुनिश्चित करने के लिए एक वरिष्ठ अधिकारी को नामित करने का निर्देश दिया था. वरिष्ठ लोक अभियोजक द्वारा अदालत को सूचित किया गया कि जांच की निगरानी सीवीसी द्वारा की जा रही है.
याची ने कहा कि जब परिसर के भौतिक सत्यापन के बाद 9 जुलाई 2024 को फायर एनओसी जारी की गई थी, तब भी दिल्ली अग्निशमन सेवा (डीएफएस) या एमसीडी के अधिकारियों को अवैध लाइब्रेरी के अस्तित्व का पता नहीं चला. 26 जून को एक छात्र किशोर सिंह कुशवाहा द्वारा शिकायत दर्ज कराए जाने के बाद भी परिसर के दुरुपयोग को रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया.
-भारत एक्सप्रेस