रिहा होने के बाद अभिषेक बनर्जी
Abhishek Banerjee Release From Detention: दिल्ली के कृषि भवन में अपनी मांग को लेकर धरने पर बैठे टीएमसी महासचिव अभिषेक बनर्जी को रिहा कर दिया गया है. बता दें कि कृषि भवन में 3 अक्टूबर को धरना दे रहे टीएमसी महासचिव अभिषेक बनर्जी और अभिषेक, मोइत्रा समेत पार्टी के कई अन्य नेताओं को पुलिस द्वारा हिरासत में ले लिया गया था. वे राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति से मुलाकात से की मांग को लेकर नई दिल्ली में कृषि भवन में धरने पर बैठे थे.
भारतीय लोकतंत्र के लिए काला दिन
रिहा होते ही अभिषेक बनर्जी ने मीडिया से बात की और कहा कि यह भारतीय लोकतंत्र के लिए काला दिन है. बीजेपी पश्चिम बंगाल के लोगों के अधिकार छीन रही है क्योंकि वो राज्य में हार गई. इसके अलावा दिल्ली पुलिस पर दुर्व्यवहार का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि पुलिस ने जन प्रतिनिधियों को घसीटा और उनके साथ दुर्व्यवहार किया.
यह घटना ‘नए भारत‘ का चेहरा
वहीं उन्होंने कहा कि “यह घटना ‘नए भारत’ का चेहरा पेश कर रही है.” वहीं उन्होंने कहा कि सरकार से सवाल करने वाले पत्रकारों पर आतंकवाद विरोधी कानून यूएपीए के तहत मामला दर्ज किया गया.
अभिषेक बनर्जी ने आगे कहा, जो लोग बंगाल के लोगों के लिए लड़ रहे हैं, उन्हें तीन घंटे तक इंतजार कराया गया. वहां हम शांति से बैठे थे, लेकिन महिलाओं सहित हम सभी के साथ बदसलूकी की गई. जिस तरह से हमें बुरी तरह घसीटा गया और बेइज्जत किया गया इसलिए आज लोकतंत्र के लिए काला दिन है और जिस तरह हमारे सांसदों को परेशान किया गया वो भी सभी के सामने है.
भाजपा छीन रही बंगाल के लोगों के अधिकार
उन्होंने कहा कि भाजपा बंगाल के लोगों के अधिकार छीन रही है, क्योंकि उसे राज्य में हार का सामना करना पड़ा था. उन्होंने कहा कि भाजपा बंगाल में सभी चुनाव हार गई है, इसलिए उन्होंने लोगों का पैसा रोक दिया है. देश की जनता अपनी शक्ति का इस्तेमाल करेगी और आज की घटना काला दिन बनकर रहेगी.
इतना बुरा व्यवहार तो अंग्रेजों ने भी नहीं किया था, जितना आज दिल्ली पुलिस ने किया. पश्चिम बंगाल मनरेगा के तहत तत्काल फंड जारी करने की मांग को लेकर तृणमूल कांग्रेस ने मंगलवार (3 अकटूबर) को लगातार दूसरे दिन दिल्ली में अपना विरोध प्रदर्शन किया.
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