फोटो-सोशल मीडिया
MP News: मध्य प्रदेश के रीवा जिले से चौंका देने वाली खबर सामने आ रही है. यहां के बदराव गांव में शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बदरांव के 11 शिक्षकों ने ट्रांसफर से खुद को बचाने के लिए ब्रेन ट्यूमर सहित अन्य बीमारियों का मरीज बता डाला लेकिन जब इस सम्बंध में जांच कराई गई तो सब झूठ निकला और वे पूरी तरह से स्वस्थ्य पाए गए.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, रीवा कलेक्टर प्रतिभा पाल ने सभी शिक्षकों का मेडिकल चेकअप के लिए बोर्ड बैठाने का फैसला लिया है. इसके बाद शिक्षा विभाग में हड़कंप मचा हुआ है. फिलहाल खुद को किसी भी परिस्थिति से बचाने के लिए शिक्षकों ने लिखकर दिया है की उन्हे ऐसी कोई बीमारी नहीं है.
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मालूम हो कि रीवा जिले के बदरांव में स्थित शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बदराव के 11 शिक्षकों ने खुद को ब्रेन ट्यूमर सहित अन्य कई बीमारियों का मरीज बताया था. मालूम हो कि 2022 में ट्रांसफर नीति आई थी, इसमें गंभीर बीमारी से जूझ रहे शिक्षकों व कर्मचारियों को ट्रांसफर से छूट दी गई है. यही वजह रही कि कुछ शिक्षकों ने खुद को तबादले से बचाने के लिए कागजों पर खुद को गम्भीर बीमारी का शिकार बता डाला और पोर्टल पर गलत फीडिंग करा ली. गौरतलब है कि मध्य प्रदेश के शासकीय विद्यालयों में शिक्षा का स्तर लगातार गिरता जा रहा है.
बताई गई कम्प्यूटर की गलती
चौंकाने वाली बात तो ये है कि इन शिक्षकों ने खुद को 2022 में ब्रेन ट्यूमर का मरीज बताया था और इसके बाद इसकी जांच तक नहीं कराई गई और उनका ट्रांसफर नहीं हुआ. इसको लेकर शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के प्रिंसिपल ने मीडिया को दिए बयान में कहा है कि हमारे यहां जो शिक्षक हैं उनको कोई भी ऐसी बीमारी नहीं है. उन्होंने लिख कर भी दिया है. यह कोई सिस्टम और कंप्यूटर की गड़बड़ी है या फिर जानबूझ कर किया गया जिसमें इनको पीड़ित बताया गया है यह जांच का विषय है. फिलहाल इस सम्बंध में आगे की जांच जारी है और इसकी वजह की भी तलाश की जा रही है.
-भारत एक्सप्रेस
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