गुस्से में आगरा के व्यापारी
ताजमहल के निकट कारोबार कर रहे व्यापारी बेहद परेशान हैं.सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद उनके कारोबार को खतरा पैदा हो गया है.प्रशासन ने उनको नोटिस थमा दिए हैं. दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने ताज के 500 मीटर के दायरे में आने वाली दुकानों को हटाने का हुक्म दिया है. इसके खिलाफ कारोबारियों ने दुकानों पर काले झंडे लगाकर अपनी नाराजगी का इजहार किया है.
इस आदेश का व्यापारी विरोध कर रहे हैं,उन्होंने प्रशासन से इस बारे में बात की लेकिन क्योंकि कोर्ट का आदेश है लिहाजा मामला वैसे का वैसे लटका हुआ है. व्यापारियों की नींद उड़ी हुई है क्योंकि अगर उनके कारोबार उजड़े तो वह कहां जाएंगे. प्रशासन ने व्यापारियों को 17 अक्टूबर तक की मोहलत दी है. उनकी दुकानों के आगे नोटिस चस्पा हैं. क्योंकि कारोबारियों की कोई सुनवाई नहीं हो रही लिहाजा उन्होंने विरोधस्वरूप दुकानों पर काले झंडे लगाए हैं. प्रशासन ने सबसे ज्यादा नोटिस दक्षिण गेट पर जारी हुए हैं. व्यापारियों ने कहा कि नोटिस की परिधि में कई स्कूल भी हैं. जिनके बंद होने से पढ़ने वाले बच्चों का भविष्य भी बरवाद होगा.
सुप्रीम कोर्ट में याचिका
सुप्रीम कोर्ट के आदेश की बाद दोबारा व्याख्या के लिए प्रभावित व्यापारियों की संघर्ष समिति दिल्ली पहुंच गई है. ताजगंज डेवलपमेंट फाउंडेशन अध्यक्ष नितिन सिंह का कहना है कि 17 अक्तूबर से पहले कोर्ट में अपना पक्ष रखेंगे. पुनर्विचार याचिका दायर करेंगे. 17 अक्तूबर से पहले अगर याचिका स्वीकार हो जाती है तो मामला न्यायालय में विचारणीय होने के कारण व्यापारियों को जबरन नहीं हटाया जा सकेगा. समिति के सदस्यों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट ने 26 सितंबर को आदेश दिया है पक्की दुकानों पर लागू नहीं होता. वह आदेश सिर्फ रेहड़ी और ठेले वालों के संदर्भ में था. व्यापारियों को आदेश के बाद राहत मिलेगी.
ADA सर्वे की कछुआ चाल पर सवाल
विकास प्राधिकरण के कछुआ चाल पर भी सवाल उठ रहे हैं. कि 10 दिन में ADA 500 मीटर का सर्वे पूरा नहीं कर सका है. करीब 3000 व्यावसायिक और आवासीय भवन चिह्नित किए हैं. मगर 500 मीटर की सीमा रेखा पर सर्वे अटका है. ADA उपाध्यक्ष चर्चित गौड़ का कहना है कि दो दिन में बॉर्डर लाइन तय हो जाएगी. नगर निगम, टोरेंट पावर के अलावा ADA के साथ राजस्व विभाग की टीमें भी सीमा निर्धारण में लगी हैं.