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“मुझे अयोग्य क्यों नहीं घोषित किया…”, उद्धव ठाकरे ने विधानसभा अध्यक्ष के फैसले पर उठाए सवाल

राहुल नार्वेकर ने आज चुनाव आयोग के पास मौजूद पार्टी संविधान के 1999 संस्करण के आधार पर अपने फैसले को आधार बनाते हुए श्री शिंदे के गुट को “असली शिव सेना” नाम दिया.

uddhav thackeray

उद्धव ठाकरे (फोटो फाइल)

Maharashtra Politics: मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले शिवसेना के गुट को असली पार्टी घोषित करने का महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर का फैसला सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन है और “लोकतंत्र की हत्या की साजिश” है. यह बातें उद्धव ठाकरे ने कही है. उन्होंने यह भी घोषणा की कि उनका शिवसेना यूबीटी गुट भी अदालत में चुनौती दायर कर सकता है.

उन्होंने आरोप लगाया कि नार्वेकर को शिंदे गुट ने पद पर बिठाया था. “जिस तरह से उन्होंने नार्वेकर को बैठाया, यह स्पष्ट था कि उनकी मिलीभगत थी. मैंने कल अपना संदेह व्यक्त किया था कि यह लोकतंत्र की हत्या करने की एक चाल है… हम देखेंगे कि सुप्रीम कोर्ट की अवमानना का मामला बनता है या नहीं.”

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राहुल नार्वेकर ने आज चुनाव आयोग के पास मौजूद पार्टी संविधान के 1999 संस्करण के आधार पर अपने फैसले को आधार बनाते हुए श्री शिंदे के गुट को “असली शिव सेना” नाम दिया. उन्होंने कहा, ठाकरे द्वारा 2018 में दिया गया संविधान का संस्करण “रिकॉर्ड में नहीं है”. पिछले साल जून से लंबित अयोग्यता याचिकाओं पर अपना फैसला सुनाते हुए विधानसभा अध्यक्ष नार्वेकर ने कहा कि उस संविधान के अनुसार, उद्धव ठाकरे के पास एकनाथ शिंदे को शिवसेना से हटाने की शक्ति नहीं थी.

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उद्धव ठाकरे ने एकनाथ शिंदे समेत 16 विधायकों को अयोग्य करार देने के लिए याचिका दाखिल की थी. मामले में देरी को लेकर उद्धव ठाकरे गुट ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया. इसपर सुप्रीम कोर्ट ने 10 जनवरी की आखिरी तारीख तय की. वहीं एकनाथ शिंदे ने उद्धव गुट के 14 विधायकों को अयोग्य ठहराने के लिए याचिका दाखिल की थी. दोनों तरफ से दाखिल याचिका को स्पीकर ने खारिज कर दिया. ये फैसला उद्धव गुट के लिए खासतौर पर झटका माना जा रहा है.

-भारत एक्सप्रेस

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