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UP News: बलिया के राजकीय जिला पुस्‍तकालय का कायाकल्‍प, डॉ. जैनिस दरबारी ने ऐसे बदली सूरत

Ballia UP news : उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में जिला पुस्तकालय का नवीनीकरण हुआ है. बलिया वही जिला है, जहां अंग्रेजी हुकूमत के विरुद्ध ऐसा विद्रोह हुआ था कि सबसे पहले आजाद हो गया था.

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बलिया स्थित राजकीय जिला पुस्तकालय. इनसेट में दक्षिण-पूर्वी यूरोप के देश मोंटेनेग्रो (Montenegro) की राजदूत डॉ. जेनिस दरबारी.

Ballia Library News Today: उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में स्थित राजकीय जिला पुस्तकालय का नवीनीकरण किया गया है. व्‍यवस्‍थाएं सुधरने के बाद अब यहां पुस्‍तकें पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं का तांता लगा रहा है. लोगों के लिए यहां अब बैठने के लिए भी अच्‍छी व्‍यवस्‍था है. बड़ा सुधार, साफ-सफाई को लेकर हुआ है. अब यहां एयरकंडीशनर-फैन भी लग गए हैं.

स्‍थानीय लोग काफी समय से प्रशासन से यहां फैली अव्‍यवस्‍थाओं की शिकायतें कर रहे थे, हालांकि दिक्‍कतें दूर नहीं हो पाई थीं. इसी साल फरवरी में मांटेनेग्रो की राजदूत डॉ.जेनिस दरबारी यहां आई थीं, उन्‍होंने प्रशासनिक स्‍तर पर यहां सुधार कराने पर जोर दिया.

  • पहले ऐसा दिखता था बलिया जिला पुस्तकालय.

राजकीय जिला पुस्तकालय में जूनियर अस्टिटेंट देवव्रत राय ने बताया कि बलिया के डीएम रविंद्र कुमार, सीडीओ प्रवीण वर्मा एवं जिला विकास अधिकारी रमेश समेत डॉ. जेनिस दरबारी ने इस पुस्तकालय की सूरत बदलने में काफी प्रयास किए. राय ने कहा, ‘मुझे चार्ज मिलने के उपरांत डॉ. जेनिस दरबारी जब यहां पहली दफा आई थीं, तो वे यहां की अव्‍यवस्‍थाओं को देखकर निराश हो गईं. उन्‍होंने कहा था कि मैं यहां पुस्तकें नहीं दे सकती. लाइब्रेरी में कई जगह कूड़ा-कचरा था. दीवारें झड़ रही थीं. फूल-फुलवारी इत्‍यादि नहीं थी. मगर, अब स्थिति बदल चुकी है.’

  • फोटो— दक्षिण-पूर्वी यूरोप के देश मोंटेनेग्रो की राजदूत डॉ. जेनिस दरबारी फरवरी 2023 में बलिया आई थीं.

अब यहां लड़के-लड़कियां न केवल पुस्‍तकें पढ़ने आ रहे हैं, बल्कि कई-कई घंटे बैठकर अध्‍ययन करते रहते हैं. नई सीटें लगाई गई हैं, दीवारों को पोता गया है. आए रोज रूम की क्‍लीनिंग भी कराई जाती है.

  • फोटो— यहां पर संविधान-बुक से लेकर आजादी, क्रांतिकारियों की गाथाओं एवं हिंदू धर्मग्रंथों की कहानियों की पुस्‍तकें भी पढ़ने को मिल जाएंगी.

  • फोटो— बलिया जिला पुस्तकालय में 25 हजार से ज्यादा किताबें मौजूद हैं. सरकारी रिकॉर्ड में पुस्तकालय की किताबें 24792 हैं.

  • राजकीय जिला पुस्तकालय (बलिया) पहुंचने के लिए बलिया जिले के काशिम बाजार इलाके में जाना होगा. यहां 3 पुस्तकालय कर्मचारी तैनात हैं.

 

  • फोटो— राजकीय जिला पुस्तकालय (बलिया) की स्थापना 1985 में हुई थी.

  • फोटो— राजकीय जिला पुस्तकालय (बलिया) के खुलने का समय सुबह 9:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक है. रविवार को अवकाश रहता है.

यह भी पढ़ें— ब्रिटिश हुकूमत से आज ही के दिन आजाद हुआ था बलिया, जगदीश्वर निगम को किया जा रहा याद

जानिए कौन हैं डॉ. जेनिस दरबारी

डॉ. जेनिस दरबारी जो कि दक्षिण-पूर्वी यूरोप के देश मोंटेनेग्रो (Montenegro) की राजदूत हैं, उनका यूपी के बलिया जिले से खास ताल्लुक है. डॉ. जेनिस कहती हैं- “बलिया से हमारा गहरा नाता रहा है. बलिया वो जिला है जो भारत से भी पहले आजाद हो गया था. भारत 15 अगस्त 1947 को आजाद हुआ था, लेकिन बलियावासियों ने उसके 5 साल पहले ही खुद को 20 अगस्त 1942 के दिन आजाद घोषित कर दिया था. तब तत्कालीन ब्रिटिश कलेक्टर जे निगम (जागेश्वर निगम) ने आधिकारिक तौर पर प्रशासन स्वतंत्रता सेनानी चित्तू पांडेय को सौंप दिया था.” बता दिया जाए कि डॉ. जेनिस दरबारी उन्हीं जे निगम की पौत्री हैं.

— भारत एक्सप्रेस

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