आखिर क्यों सृष्टि के रचयिता ब्रह्मदेव की पूजा नहीं होती है? यहां जानिए इसकी वजह
Basti kidnapping Case: साल था 2001 और बस्ती जिले के एक बड़े व्यापारी का बेटा किडनैप कर लिया गया. पुलिस की जांच में सामने आया कि अपहरणकर्ताओं ने उस बच्चे को अमरमणि त्रिपाठी (Amarmani Tripathi) के घर पर ही रखा हुआ था. इस अपहरण कांड में भारी किरकिरी के चलते त्रिपाठी को मंत्री पद से इस्तीफा तक देना पड़ गया था, लेकिन यूपी के चर्चित मधुमिता शुक्ला हत्याकांड में सजा माफी के बाद भी सजायाफ्ता पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी की मुश्किलें कम होती नहीं दिख रहीं,बस्ती के एमपी-एमएलए कोर्ट में विचाराधीन इस मामले में कोर्ट ने हाजिर न होने पर नाराजगी जताई है.
न्यायाधीश प्रमोद गिरी ने 14 अगस्त को सीएमओ गोरखपुर से पूछा था कि अमरमणि त्रिपाठी को कौन सी बीमारी है कि वह कोर्ट नहीं आ सकते. कोर्ट ने सीएमओ गोरखपुर को अमरमणि की स्वास्थ्य जांच कराने का आदेश दिया है. बस्ती के कोतवाल विनय पाठक ने कोर्ट के आदेश की प्रति सीएमओ को प्राप्त करा दी, इस मामले की 28 अगस्त को सुनवाई होनी है. अमरमणि इस समय बीआरडी मेडिकल कालेज, गोरखपुर में भर्ती होकर डॉ. तपस कुमार आइच की निगरानी में मानसिक रोग का इलाज करा रहे हैं..
अमरमणि त्रिपाठी पर हत्या और अपहरण के केस लगातार चल रहे थे, इसी बीच साल 2001 में बस्ती से एक बड़े कारोबारी के 15 साल के पुत्र राहुल मदेसिया का अपरहरण हो गया, मामला लखनऊ से होते हुए दिल्ली तक पहुंच गया. तब यूपी में राजनाथ सिंह और केंद्र में अटल बिहारी वाजपेयी सरकार थी. मामला जैसे ही दिल्ली तक पहुंचा, प्रदेश सरकार पर दबाव बढ़ा, सीएम राजनाथ सिंह ने बच्चे को हर हाल में ढूंढ़ निकालने का आदेश पुलिस को दिया. पुलिस ने इसके बाद एक्शन तेज किया और बच्चे को आखिरकार बरामद कर लिया गया. जांच में जानकारी सामने आया कि राहुल मदेसिया को अपहरण के बाद अमरमणि के बंगले में रखा गया था, भाजपा सरकार पर सवाल उठाए जाने लगे, विवाद गहराया तो सीएम राजनाथ सिंह ने अमरमणि को मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया. इसमे अपहरण मामले में पूर्व विधायक अमरमणि समेत 9 लोग आरोपित है.
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इसमें पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी, नैनीश शर्मा और शिवम उर्फ रामयज्ञ हाजिर है,जिसमें मुकदमे की कार्रवाई लंबित है, एमपी- एमएलए कोर्ट ने आदेश दिया था कि 24 अगस्त को सुनवाई के दिन कोतवाल ने रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं की, तो कोर्ट ने कोतवाल को तामीला रिपोर्ट पेश करने का आदेश देते हुए गैरहाजिर चल रहे दूसरे आरोपित नैनीश शर्मा के विरुद्ध कुर्की का आदेश जारी किया.
अमरमणि त्रिपाठी महाराजगंज की नौतनवा सीट से विधायक लगातार चार बार विधायक रहे,एक बार भाजपा सरकार में मंत्री थे तो वहीं दूसरी बार बसपा सरकार में मंत्री बन वह मायावती के साथ खड़े दिखे. यहां तक कि 2007 में जेल में रहते हुए भी वह चुनाव जीत गए थे.
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