मुख्तार अंसारी (फोटो फाइल)
Mukhtar Ansari: यूपी के बांदा जेल में बंद पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी को 1996 में दर्ज गैंगस्टर के मामले में 10 साल की सजा सुनाई है. इसके साथ की कोर्ट ने मुख्तार पर 5 लाख का जुर्माना लगाया है. बाहुबली मुख्तार अंसारी के साथ ही भीम सिंह को भी 10 साल की सजा सुनाई गई. गाजीपुर गैंगस्टर कोर्ट ने ये फैसला सुनाया है.
साल 1996 में गाजीपुर सदर कोतवाली में बाहुबली मुख्तार अंसारी और भीम सिंह पर गैंगस्टर एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया था. मुख्तार अंसारी को आज 26 साल बाद कोर्ट ने दोषी करार दिया है. गैंगस्टर एक्ट में कुल 5 मामले थे, इसमें दो गाजीपुर, दो वाराणसी और एक चंदौली में दर्ज था. इस मामले में 12 दिसंबर को 11 गवाहों की गवाही, जिरह और बहस पूरी हो चुकी थी. इसके बाद गैंगस्टर कोर्ट गाजीपुर ने फैसला सुनाने की तारीख 15 दिसंबर तय की गई थी.
कोर्ट में मौजूद नहीं थे मुख्तार
दरअसल, मुख्तार अंसारी मनी लांड्रिंग केस में प्रयागराज में ईडी की 10 दिन की कस्टडी रिमांड पर है. जिसकी वजह से वो फैसले के समय गाजीपुर कोर्ट में मौजूद नहीं थे. बता दें कि किसी भी मुकदमे में फैसला सुनाए जाते समय आरोपी की कोर्ट में मौजूदगी जरूरी होती है, जिसकी वजह से प्रयागराज के ईडी दफ्तर में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के इंतजाम किए गए थे.
सजा सुन रो पड़े मुख्तार
बताया जा रहा है कि आज सुबह से ही मुख्तार घबराए नजर आ रहे थे. मुख्तार ने ईडी के अफसरों से केस का फैसला आने तक आज पूछताछ नहीं करने का अनुरोध किए थे. ईडी के अफसरों ने मुख्तार की इस अपील को मान लिया. मुख्तार ने सुबह का नाश्ता भी ठीक से नहीं किए. मुख्तार ने आज कई बार इबादत की. सूत्रों ने बताया कि बाहुबली मुख्तार अंसारी सजा सुन रो पड़े.
गौरतलब है कि इस मामले में पहले 25 नवंबर को ही फैसला आना था, हालांकि पीठासीन अधिकारी का तबादला हो जाने से प्रक्रिया रुक गयी थी.
-भारत एक्सप्रेस
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