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सूरज
UP News: रायबरेली (Rae Bareli) के लालगंज स्थित मार्डन रेल कोच फैक्ट्री में डाक्टर सहित उसकी पत्नी और दो बच्चों के शव मिलने के बाद से इलाके में तरह-तरह की चर्चा हो रही है, तो दूसरी ओर पुलिस ने इस पूरे मामले में कहा है कि, डिप्रेशन के मरीज होने के कारण डाक्टर ने पहले पत्नी और दोनों बच्चों की हत्या की और इसके बाद खुद भी आत्महत्या कर ली. हालांकि पुलिस ने सभी शवों का अंतिम संस्कार कर दिया है. इस पूरे मामले में मृतक महिला के पिता ने नया खुलासा किया है, जिसने पुलिस की सारी आशंकाओं पर पानी फेर दिया है, लेकिन पुलिस अभी भी डिप्रेशन की बात पर ही अड़ी हुई है.
बता दें कि मंगलवार को रेल कोच फैक्ट्री में नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉक्टर अरुण सिंह का शव उन्ही के आवास में फांसी पर लटकता हुआ मिला था तो वहीं कमरे में ही दोनों बच्चों और पत्नी का शव भी बेड पर पड़ा था. इस सम्बंध में रायबरेली के एसपी आलोक प्रियदर्शी ने बताया था कि, डॉक्टर डिप्रेशन के मरीज थे और उन्होंने पहले बच्चों को नशे की दवा खिलाकर बेहोश किया और फिर उसके बाद उनकी हत्या कर खुद भी फांसी के फंदे से झूल गए. तो वहीं डाक्टर समेत पूरे परिवार की मौत मामले में नया मोड आ गया है. मौत की सूचना पाकर यहाँ पहुंचे डॉक्टर की पत्नी अर्चना सिंह के परिजनों ने पुलिस की सारी आशंकाओं पर पानी फेर दिया है. डॉक्टर की पत्नी अर्चना सिंह के पिता जय प्रकाश के मुताबिक पति पत्नी के बीच मधुर संबंध थे. उन्होंने डॉक्टर के व्यवहार को लेकर भी स्पष्ट रूप से कहा कि उनमें अवसाद जैसे कोई लक्षण कभी सामने नहीं आये.
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मृतका के पिता जय प्रकाश ने बताया कि दोनों की शादी 2008 में हुई थी और अभी तक विवाद का कोई मामला सामने नहीं आया. उन्होंने ये भी दावा किया कि, दामाद-बेटी से उनकी लगातार फोन पर बात होती रहती थी और हमेशा सामान्य बातचीत हुई. जय प्रकाश ने आगे बताया कि, बीते शनिवार को भी बात हुई थी और सब कुछ सामान्य था. शनिवार के बाद से उनकी बात नहीं हुई और मंगलवार की मध्यरात्रि में ये मनहूस खबर मिली कि दोनों का फोन नहीं उठ रहा है. जय प्रकाश ने बताया कि, मंगलवार मध्य रात्रि में दामाद की माँ ने फोन कर कहा था कि दोनों का फोन नहीं उठ रहा है, शायद सबने सामूहिक आत्महत्या कर ली है. उधर पुलिस के आलाधिकारी लगातार इस बात को दोहरा रहे हैं कि प्रथम दृष्ट्या जो सुबूत मिले हैं उससे डॉक्टर ने डिप्रेशन में रहते अपनी पत्नी और बच्चों की हत्या के बाद खुद को फांसी लगा ली थी. हालांकि पुलिस पूरे मामले में छानबीन कर रही है और सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं. पूरे मामले में एसपी आलोक प्रियदर्शी ने बताया की डॉक्टर ने घटना को अंजाम देने से पहले ज्यादा मात्रा में इन्सुलिन के इंजेक्शन खुद को लगाये थे. यह बात पोस्टमार्टम रिपोर्ट से स्पष्ट हो गयी है. साथ ही इससे उसकी मानसिक स्थिति का अंदाज़ा लगाया जा सकता है.
-भारत एक्सप्रेस
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