कैबिनेट मंत्री संजय निषाद
UP News: यूपी के जालौन पहुंचे कैबिनेट मंत्री संजय निषाद ने ओबीसी आयोग की रिपोर्ट पर बयान देते हुए कहा कि पिछली सरकारों ने ओबीसी समाज को लाभ नहीं दिया था, लेकिन योगी सरकार पिछड़े समाज के साथ है. पिछली सरकारों की गलतियों की वजह से कोर्ट ने आयोग बनाने का आदेश दिया था.
इस मौके पर ओबीसी आयोग के सदस्यों के जूते उतारकर सीएम योगी से मिलने के जबाव में मंत्री ने कहा कि यह आस्था व स्वेच्छा का विषय है और मुख्यमंत्री हमारे पूज्यनीय है. वहीं लन्दन में राहुल गांधी के बयान पर मंत्री निषाद ने कहा कि 70 साल तक लोक सभा में किसी को कांग्रेस ने बोलने नहीं दिया. जबकि भाजपा सरकार में सबको बोलने का समान हक है.
प्रदेश में इन दिनों पिछड़ी जातियों के हक के लिए सपा प्रमुख अखिलेश यादव और सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने अभियान चला रखा है. इसी बीच शनिवार को ही हाईकोर्ट के निर्देश पर निकाय चुनाव में आरक्षण को लेकर गठित पिछड़ा वर्ग आयोग ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है.
हालांकि रिपोर्ट अभी सार्वजनिक नहीं कि गयी है लेकिन उत्तर प्रदेश की मुख्य विपक्षी पार्टी सपा ने रिपोर्ट पर सवाल उठना शुरू कर दिया है. सपा के सोशल मीडिया अकाउंट से ट्वीट कर आयोग के सदस्यों की मुख्यमंत्री से मुलाकात की एक फ़ोटो शेयर कर टिप्पणी की गई है. वहीं सपा के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य ने भी आयोग की रिपोर्ट को लेकर सरकार की नियत और मंशा पर सवाल उठाए हैं. हालांकि उन्होनें कोर्ट के आदेशों पर कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया.
स्वामी प्रसाद मौर्य ने क्या कहा
सपा ने पिछड़ा वर्ग और दलितों को एकजुट होकर बीजेपी को हराने की बात कही है, लेकिन इसमें सवर्णो का कोई जिक्र नहीं है. इसको लेकर स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि यद्यपि सवर्ण पहले से ही सक्षम है इसलिए हम समाज के पिछले पायदान के लोगों की बात करते हैं. रामचरितमानस पर की गई टिप्पणी के बाद पार्टी के कुछ सवर्ण जाति के नेताओं की मूक नाराजगी और सोशल मीडिया पर उनकी मुखरता के सवाल पर स्वामी प्रसाद ने कहा कि यदि पार्टी के 2 प्रतिशत लोग नाराज रहते हैं और किसी विचारधारा से 98 प्रतिशत लोग सहमत होते हैं तो उसकी सर्वसम्मति मान ली जाती है.
-भारत एक्सप्रेस