सीएम योगी आदित्यनाथ (फाइल फोटो)
CM Yogi Adityanath: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) का भारतीय राजनीति (Indian Politics) में क्या महत्व है यह किसी से बताने या कहने की बात नहीं है क्योंकि बिना उत्तर प्रदेश के देश की राजनीति में अपनी ताक़त दिखा पाना किसी राजनैतिक दल के बस की बात नहीं है.
राजनीति में कुछ मिथक होते हैं तो कुछ कथानक लेकिन उन सभी मिथकों को तोड़ने का रिकॉर्ड भी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) के नाम पर दर्ज है. उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्धनगर जनपद के नोएडा में कोई भी मुख्यमंत्री जाने से डरने लगा था, क्योंकि लोगों का यह मानना था कि मुख्यमंत्री रहते जो वहां गया वह भी अगले कार्यकाल में मुख्यमंत्री नहीं बन पाया. लेकिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस बात की परवाह किए बगैर वहां जाने का मन बनाया एवं दर्जनों बार गये भी और तो और उन्होंने फिर से अगले कार्यकाल में मुख्यमंत्री पद की शपथ भी ली.
देश में वर्तमान राजनीति में उत्तर प्रदेश और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री की क्या भूमिका है यह किसी से छुपी नहीं है. गोरक्षनाथ पीठ के महंथ एवं गोरखपुर निर्वाचन क्षेत्र से लगातार 5 बार सांसद (Member of Parliament) रहे योगी आदित्यनाथ ने जब 19 मार्च 2017 को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री (Chief Minister) पद की शपथ ली तबसे उत्तर प्रदेश के साथ-साथ देश की राजनीति में भी बड़ा परिवर्तन देखने को मिला है.
सीएम योगी के नाम एक और रिकॉर्ड
योगीराज में कानून व्यवस्था की सख़्ती की मिसालें अन्य राज्यों में दी जाने लगीं और तो और उत्तर प्रदेश के कानून व्यवस्था के मॉडल को अन्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने अपनाया भी. उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ के नाम एक रिकॉर्ड दर्ज किया गया है. उन्होंने यूपी के मुख्यमंत्री के पद पर लगातार सबसे ज्यादा समय तक रहने का कीर्तिमान अपने नाम कर लिया है. इससे पहले यह कीर्तिमान कांग्रेस के नेता एवं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे डॉक्टर संपूर्णानन्द (Dr Sampurnanand) के नाम पर दर्ज था. अगर आंकड़ों पर नज़र डालें तो आंकड़े कुछ ऐसे हैं.
तीन साल से ज्यादा समय तक रहने वाले सीएम
योगी आदित्यनाथ 5 वर्ष 347 दिन (पदस्थ) -भाजपा
डॉ. संपूर्णानन्द 5 वर्ष 345 दिन -कांग्रेस
अखिलेश यादव 5 वर्ष चार दिन -सपा
मायावती 4 वर्ष 307 दिन -बसपा
मुलायम यादव 3 वर्ष 257 दिन -सपा
इन आंकड़ों का अगर बारीकी से अध्ययन किया जाए तो यह साफ तौर पर कहा जा सकता है कि 90 के दशक से भले उत्तर प्रदेश, बिहार में क्षेत्रीय दलों का प्रभाव रहा है. लेकिन राष्ट्रीय दलों ने अपने महत्व को समय-समय पर साबित किया है. सीएम योगी भारतीय जनता पार्टी (BJP) के उन नेताओं में शुमार हैं जिनको भारतीय जनता पार्टी के अगले दौर के नेता के तौर पर देखा जा रहा है.
-भारत एक्सप्रेस
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