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UP News: सारस के दोस्त आरिफ पर FIR, वन विभाग ने भेजा नोटिस, बयान दर्ज कराने बुलाया

Amethi News: चुटहिल सारस को बचाने के बाद अपने घर में उसे रखने वाले आरिफ पर वन जीव संरक्षण अधिनियम के उल्लंघन का आरोप लगाया गया है. इसी के बाद उप प्रभागीय वनाधिकारी गौरीगंज ने नोटिस भेजा है.

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सारस के साथ आरिफ की फाइल फोटो ( फोटो-सोशल मीडिया)

UP News: उत्तर प्रदेश के अमेठी जिले के जामो क्षेत्र के मंडखा गांव निवासी मो. आरिफ को सारस के दोस्ती करना अब भारी पड़ रहा है. पहले तो उनसे सारस ही जुदा कर दिया गया और इसके बाद उन पर मुकदमा दर्ज कर दिया गया है और इसी के साथ उनको वन विभाग ने नोटिस भेज दी है. आरिफ पर आरोप है कि उन्होंने वन जीव संरक्षण अधिनियम का उल्लंघन किया है. वहीं शनिवार को वन विभाग ने सारस को कानपुर के चिड़ियाघर भेज दिया है. इससे पहले उसे समसपुर पक्षी विहार रायबरेली भेजी गया था.

सारस से भावनात्मक रूप से जुड़े आरिफ अपने साथी से अलग होने के बाद काफी परेशान हैं और सोशल मीडिया के सहारे अपने दोस्त सारस को से मिलने की मांग सरकार से कर रहे हैं. इसी बीच वन विभाग के नोटिस ने उनकी परेशानी और बढ़ा दी है. वन विभाग ने आरिफ को दो अप्रैल को बयान दर्ज करने के लिए अपने कार्यालय पर बुलाया है. सहायक वन संरक्षक रणवीर मिश्र ने दो अप्रैल सुबह 11 बजे कार्यालय प्रभागीय वनाधिकारी, अमेठी वन प्रभाग, में उपस्थित होकर अपना बयान दर्ज कराने के लिए नोटिस भेजी है.

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मालूम हो कि कुछ दिन पहले मंडखा निवासी आरिफ सोशल मीडिया पर तब चर्चा में आ गए, जब एक सारस पक्षी के साथ उनकी तस्वीरें और वीडियो वायरल होने लगे थे. प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर की मीडिया में उनका इंटरव्यू लिया गया. इतना ही नहीं कुछ दिन पूर्व अमेठी आए सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी मंडखा जाकर आरिफ से मुलाकात की थी, जिसके बाद सारस और आरिफ की दोस्ती सुर्खियों में आ गई थी.

इस सब के बीच प्रभागीय वनाधिकारी अमेठी डीएन सिंह ने प्रधान मुख्य वन संरक्षक उत्तर प्रदेश को पत्र लिखकर सारस को उसके प्राकृतिक वास समसपुर पक्षी विहार में छोड़े जाने की अनुमति मांगी थी, जिस पर अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक सुनील चौधरी ने प्रभागीय वनाधिकारी को सारस को सुरक्षात्मक उपाय के साथ समसपुर पक्षी विहार छोड़ने की अनुमति दी थी.

सारस को पशुचिकित्सक के साथ एसडीओ रामवीर मिश्र व क्षेत्रीय वनाधिकारी ने पक्षी विहार में छोड़ा गया था, डीएफओ ने बताया था कि सारस को सुरक्षात्मक उपाय के साथ उसके प्राकृतिक वास स्थल पर छोड़ दिया गया है. हांलांकि इसी बीच सारस के खोने की भी खबरें सामने आई थी, जिसके बाद अखिलेश ने जमकर योगी सरकार पर निशाना साधा था, लेकिन फिर सारस गांव वालों की मदद से मिल गया था. इसके बाद उसे कानपुर चिड़ियाघर भेज दिया गया है.

जानें कैसे हुई आरिफ और सारस की दोस्ती

मीडिया सूत्रों के मुताबिक अमेठी की गौरीगंज तहसील के जोधपुर मंडखा गांव के रहने वाले आरिफ को करीब साल भर पहले खेत में सारस मिला था. सारस के पैर में चोट लगी थी. इस पर आरिफ उसे घर ले आए थे. उन्होंने घर पर ही सारस का इलाज किया. इलाज के दौरान आरिफ ने सारस को घर का बना खाना जैसे- दाल-चावल, सब्जी रोटी खिलाई. इस तरह दोनों के बीच दोस्ती हो गई. आरिफ ने बताया कि चोट ठीक होने के बाद उन्होंने सारस को आजाद कर दिया. मगर सारस को आरिफ का साथ भा गया था.

आरिफ के मुताबिक दिन में सारस उड़कर जंगल और खेतों में चला जाता था, लेकिन शाम होने पर वो वापस उनके घर आ जाता था. लेकिन इस भावनात्मक कहानी में मोड़ तब आया जब 21 मार्च को वन विभाग के अधिकारियों ने आरिफ से सारस को ले लिया. फिर वो उसे समसपुर पक्षी विहार ले गए. आरिफ के मुताबिक वन-विभाग वालों का कहना था कि वो सारस की अच्छी देखभाल नहीं कर पाएंगे, इसलिए उसे अपने साथ ले जा रहे हैं.

-भारत एक्सप्रेस

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