फौजी विपिन तोमर की फाइल फोटो
-कुलदीप पंडित
UP News: बागपत के फौजी विपिन तोमर की ग्वालियर सड़क हादसे में दर्दनाक मौत होने के बाद जैसे ही उनका पार्थिव शरीर उनके गांव लाया गया, पूरे गांव में कोहराम मच गया. अपने लाड़ले को देखने के लिए पूरा गांव उमड़ पड़ा. वहीं सैनिक सम्मान के साथ सलामी देने के बाद उनको मुखाग्नि दी गई और रविवार को अंतिम संस्कार हुआ. इस दौरान पूरा गांव ‘जय हिंद’ और ‘विपिन तोमर अमर रहे’ के नारे से गूंज रहा था.
बागपत के बड़ौत कोतवाली क्षेत्र के बिजरौल गांव निवासी 35 वर्षीय विपिन तोमर बीएसएफ में थे और इस वक्त ग्वालियर में तैनात थे. जानकारी सामने आ रही है कि शनिवार की रात उनकी सड़क हादसे में मौत हो गई. परिजनों ने बताया कि विपिन तोमर आज (रविवार) छुट्टी पर घर आने वाले थे लेकिन ग्वालियर शनिवार की रात को स्कूटी फिसल गई और उनका सिर खम्भे से जा टकराया, जिससे उनके सिर पर गम्भीर चोटें आईं और खून बह जाने के कारण मौके पर ही उनका निधन हो गया. जहां रविवार को वह छुट्टी पर अपने घर जिस समय आने वाले थे उसी वक्त उनका पार्थिव शरीर लेकर बीएसएफ के जवान पहुंचे तो गांव में कोहराम मच गया. परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल था. गांव में जिसने भी इस खबर को सुना वही रो पड़ा. वहीं अंतिम सलामी के बाद उनके शरीर को मुखाग्नि दी गई.
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12 वर्ष पूर्व हुए थे भर्ती
बता दें की बड़ौत थाना क्षेत्र के बिजरोल गांव निवासी विपिन तोमर 12 वर्ष पूर्व बीएसएफ में भर्ती हुए थे और 10 वर्ष पहले ही विपिन की शादी ककड़ीपुर गांव की निवासी रूबी के साथ हुई थी. इनके दो बेटे हैं. बड़ा बेटा वरेनियम 8 वर्ष का है और छोटा बेटा अवित 4 वर्ष का है. इस घटना के बाद से बच्चों का भी रो-रो कर बुरा हाल है औऱ सभी के मुंह से बस एक बात ही निकल रही थी, कि आज विपिन छुट्टी पर आने वाले थे. मां विमला का भी रो-रो कर बुरा हाल हो गया है और वह बेसुध हो गई हैं. घर-परिवार के साथ ही इस खबर के बाद पूरे गांव में मातम पसरा हुआ है.
-भारत एक्सप्रेस