मृतक दीपक सैनी की फाइल फोटो
UP Nikay Chunav 2023: उत्तर प्रदेश के शामली जिले में चेयरमैन पद के लिए टिकट न मिलने पर एक भाजपा नेता ने आत्महत्या कर ली है. घटना के बाद उनके घर में कोहराम मच गया. मां ने बिलखते हुए भाजपा पदाधिकारियों से कहा है कि उनको किसी तरह की चेयरमैनी या मेंबरी नहीं चाहिए. उनका लाल लौटा दिया जाए. तो वहीं मृतक के भाई ने बताया कि वह कई सालों से पार्टी के लिए मेहनत कर रहा था, लेकिन टिकट न मिलने के कारण वह डिप्रेशन में चला गया था और फिर मौत को गले लगा लिया.
जानकारी सामने आ रही है कि, कांधला के मोहल्ला रायजादगान निवासी दीपक सैनी भाजपा के लिए समर्पित कार्यकर्ता थे. वह पिछले निकाय चुनाव में 19 साल की कम उम्र में ही भाजपा के सिंबल पर चुनाव लड़कर जीते थे. वह बीजेपी को दिल से चाहता थे, लेकिन रविवार को जारी उम्मीदवारों की सूची में अपना नाम न देखकर वह परेशान हो गए थे और फिर कोई जहरीले पदार्थ खाकर अपनी जान दे दी.
सम्भाल रहे थे जिला शोध प्रमुख की जिम्मेदारी
दीपक वर्तमान में भाजपा के पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ में जिला शोध प्रमुख की जिम्मेदारी सम्भाल रहे थे. साल 2017 में पिछला निकाय चुनाव दीपक ने भाजपा के सिंबल पर वार्ड-3 से लड़ा था. इस बार उसने चेयरमैन पद के लिए दावेदारी की, लेकिन पार्टी ने उम्र कम होने की वजह से टिकट देने से इंकार कर दिया था. इसके बाद दीपक ने वार्ड-1 से सभासद पद के लिए पार्टी को आवेदन दिया. वार्ड-3 इस बार अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हो गई थी. इस वजह से दीपक को अपना चुनाव लड़ने के लिए अपना वार्ड बदलना पड़ा था.
सूची जारी होने से पहले गए थे मंदिर
बताया जा रहा है कि रविवार को सूची जारी होने से पूर्व दीपक मंदिर में पूजा-पाठ करने की बात कहकर निकला था. वह मंदिर में था, तभी सूची जारी हो गई. सूची में वार्ड-1 से किसी का भी नाम नहीं था. इस पर दीपक मानसिक रूप से इतना परेशान हुआ कि उसने उसी वक्त बाजार से जहरीला पदार्थ खरीदा और घर आकर उसे पानी में मिलाकर पी गया. परिजन जब तक मेरठ के अस्पताल लेकर पहुंचे, उसकी मौत हो गई थी.
मां से कह गए थे खाना बनाने के लिए
बेटे की मौत की खबर सुनकर बेसुध हुई मां प्रेमलता ने बिलखते हुए बताया कि बेटा शाम को घर से मंदिर के लिए निकला था. बोला था कि मां खाना बना लेना, आकर खाऊंगा, सूची जारी होने वाली है. भला क्या मालूम था कि मेरा बेटा इस दुनिया से ही चला जाएगा. इसी के साथ मां ने पार्टी से कहा कि हमें चेयरमैनी और मेंबरी नहीं चाहिए, मेरा लाल वापस लौटा दो. वहीं बड़े भाई संदीप ने बताया कि चेयरमैन पद का चुनाव लड़ने के लिए वह महीनों से पूरी मेहनत कर रहा था. टिकट न मिलने से वह डिप्रेशन में चला गया था. दीप की मौत के बाद परिवार ने भाजपा प्रत्याशी नरेश सैनी पर दीपक का टिकट कटवाने का आरोप लगाया है.
दीपक करते थे आम जनता की मदद
कम उम्र में ही राजनीति में आने व भाजपा से जुड़ने के बाद दीपक आम जनता की मदद करने में कोई कोताही नहीं बरतते थे. जानकारी सामने आई है कि आधार कार्ड के नाम बदलने वाले आवेदन में चेयरमैन के दस्तखत से हिंदू लड़की का नाम मुस्लिम कराए जाने का मामला दीपक ने उठाया था. इस मामले में चेयरमैन ने अपने फर्जी हस्ताक्षर किए जाने की बात कही थी, जिसके बाद नगर पालिका लिपिक के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज हुई थी और उसे जेल भेजा गया था.
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बहुत मेहनती था दीपक
भाजपा के चेयरमैन प्रत्याशी नरेश सैनी ने बताया कि दीपक बहुत मेहनती और पार्टी के लिए समर्पित कार्यकर्ता था. उसकी मृत्यु का बहुत दुख है और परिवार के साथ संवेदनाएं हैं. कल ही उसके घर जाकर परिवार से मिला था. टिकट कटवाने की बात बेबुनियाद हैं. मंडल अध्यक्ष रश्मिकांत जैन का कहना है कि दीपक सैनी का नाम पार्टी के प्रत्याशियों की प्रस्तावित सूची में भेजा गया था. नाम किस स्तर से कटा इसकी जानकारी नहीं है. दीपक के जाने से पार्टी को बड़ा नुकसान हुआ है. वह पार्टी के लिए हमेशा समर्पित रहता था.
-भारत एक्सप्रेस