यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ (फोटो फाइल)
UP Politics: उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव-2024 को लेकर राजनीतिक दलों ने अपनी-अपनी गणित लगाना शुरू कर दिया है. सत्ता पक्ष को कुर्सी से उतारने के लिए विरोधी दल जहां गठबंधन का चक्रव्यूह बना रहा है और जातीय गुणा-भाग लगाकर मुस्लिम वोटों को अपने हक में करने की जुगत भिड़ा रहा है तो वहीं, सत्ता में मजबूत पकड़ बनाकर रखने वाली भाजपा ने पश्चिम यूपी में सांस्कृतिक राष्ट्रवाद और धर्म अध्यात्म का तीर चलाकर एक साथ कई निशाने साधने में जुट गई है और इसकी जिम्मेदारी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को दी गई है.
बता दें कि जहां एक ओर लोकसभा चुनाव-2024 को लेकर पश्चिम यूपी को मथने की होड़ सभी राजनीतिक दलों में मची हुई है तो वहीं भाजपा यहां पर सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के रथ को दौड़ा दिया है. 2019 लोकसभा चुनाव में बिजनौर, सहारनपुर एवं नगीना की जो सीटें हाथ से निकल गई थीं, उसे भाजपा इस बार किसी भी तरह से नहीं जाने देना चाहती है और यही वजह है कि विजय रथ के सामने आने वाले सभी कील-कांटों व पत्थरों को हटाने के लिए भाजपा नए सिरे से कसरत में जुटी है. इसी के साथ कैराना, मेरठ और मुजफ्फरनगर के रास्ते में भी आने वाले सभी रोड़ों को हटाने का काम किया जा रहा है. इसी के मद्देनजर हाल ही में सीएम योगी आदित्यनाथ ने मेरठ में कांवड़ यात्रियों पर फूलों की बारिश की तो वहीं बिजनौर में विदुर कुटी और मुजफ्फरनगर में शुकतीर्थ तक गंगाजल पहुंचाने का संकल्प लेकर ऐसा चुनावी तीर छोड़ा है कि, विपक्षी खेमे में खलबली मच गई है. तो दूसरी ओर राजनीतिक जानकार मानते हैं कि, विदुर मेडिकल कॉलेज एवं संस्कृत महाविद्यालय की स्थापना से भी भाजपा के सांस्कृतिक राष्ट्रवाद और भगवा एजेंडे को धार मिलेगी.
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पश्चिम पर है हर राजनीतिक दलों के दिग्गजों की नजर
बता दें कि यूपी के पश्चिम को जीतने के लिए हर राजनीतिक दलों के दिग्गज अपनी-अपनी तैयारी में लगे हैं. जहां एक ओर मुख्यमंत्री योगी मुजफ्फरनगर के साथ सहारनपुर, बिजनौर, मेरठ, गाजियाबाद व शामली का दौरा कई बार कर चुके हैं और चुनावी माहौल बनाने के लिए हर रणनीति पर काम कर रहे हैं तो वहीं पूर्व सीएम व सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी यहां कई कार्यक्रम किए, साथ ही रालोद मुखिया जयन्त चौधरी भी हाल ही में 1500 गांवों की यात्रा कर किसानों के बीच अपनी पकड़ मजबूत बनाने की कोशिश की है. साथ ही आजाद समाज पार्टी के मुखिया चंद्रशेखर ने हमले में घायल होने के बाद नई दिल्ली जंतर-मंतर पर शक्ति प्रदर्शन कर कर लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचने का काम किया. तो वहीं कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा के जरिए पश्चिम उप्र को साधने की कोशिश की. अब कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ब्रजलाल खाबरी एवं क्षेत्रीय अध्यक्ष नसीमुद्दीन सिद्दीकी भी इस क्षेत्र का दौरा करने के लिए निकले हैं. तो वहीं बसपा सुप्रीमो मायावती ने सहारनपुर के इमरान मसूद को यहां के लिए एक अलग जिम्मेदारी दे रखी है.
-भारत एक्सप्रेस
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