सांकेतिक फोटो
UP Politics: भाजपा तेजी से लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारी में जुट गई है. ताजा जानकारी सामने आ रही है कि, निकाय चुनाव में जिस तरह से मेयर की सभी 17 सीटों पर बीजेपी ने बाजी मारी है, ठीक उसी तरह वह अब लोकसभा की सभी सीटों पर विजय पताका लहराने की तैयारी कर रही है. इसके लिए पार्टी ने लोकसभा की जोखिम वाली 18 सीटों पर पूरी तरह से नजरें गड़ा दी है. साथ ही बड़े स्तर पर अभियान चलाकर इन सीटों को जीतने की तैयारी में जुट गई है.
मीडिया सूत्रों की मानें तो पार्टी ने आंतरिक सर्वे के आधार पर लोकसभा के लिए 18 चुनौतीपूर्ण सीटों को चिन्हित करते हुए भाजपा ने उनको रेड जोन में रखा है और अब पूरी तरह से इन सीटों पर फोकस कर दिया है. बताया जा रहा है कि 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव के परिणामों और संभावित खतरे के आधार पर पार्टी इन सीटों को जीतने के लिए एक कामयाब योजना बना रही है. तो वहीं उपचुनाव में रामपुर और आजमगढ़ की सपा सीटों पर जीत दर्ज करने के बाद अभी भी पार्टी इन सीटों पर किसी तरह से हार नहीं देखना चाहती. इसलिए बीजेपी पूरी तरह से घेराबंदी में जुटी है. ये भी बता दें कि इन 18 में से कई लोकसभा क्षेत्रों में नगरीय निकाय चुनाव में पार्टी का प्रदर्शन संतोषजनक नहीं रहा है. इसीलिए भाजपा परेशान है और वह इस बार किसी भी तरह से अगले लोकसभा चुनाव में प्रदेश की सभी 80 सीटों पर जीत दर्ज करने के लिए रणनीति बना रही हैै.
मीडिया सूत्रों की मानें तो आंतरिक सर्वे में बीजेपी ने श्रावस्ती और अंबेडकरनगर जैसी सीटों पर पिछले लोकसभा चुनाव में जाति विशेष के प्रत्याशी उतारने पर दूसरी जाति में तीखी प्रतिक्रिया देखी है, लिहाजा, भाजपा अब रेड जोन की सभी सीटों की उन कमजोर कड़ियों को चिन्हित कर उन पर सफलता हासिल करने के लिए पूरी रणनीति तैयार कर रही है. वहीं यूपी की 80 लोकसभा सीटों पर कमल खिलाने के लिए पार्टी ने 30 मई से ही महाजनसंपर्क अभियान शुरू कर दिया है.
इन सीटों को रखा रेड जोन में
पार्टी ने रेड जोन में फिरोजाबाद, श्रावस्ती, अंबेडकरनगर, नगीना, सहारनपुर, बिजनौर, अमरोहा, बदायूं, मैनपुरी, मुरादाबाद, रामपुर, संभल, रायबरेली, लालगंज, जौनपुर, घोसी, आजमगढ़, गाजीपुर लोक सभा सीटों को शामिल किया है.
इन सीटों पर नहीं खिला कमल
बता दें कि पिछले साल हुए उपचुनाव में आजमगढ़ और रामपुर सीटें अपने कब्जे में करने के बाद भी 14 लोकसभा सीटें भाजपा के हाथ से फिसल गईं. इन 14 सीटों में से सहारनपुर, नगीना, रामपुर, संभल, बिजनौर, अमरोहा, श्रावस्ती, गाजीपुर, लालगंज, जौनपुर, अंबेडकरनगर, घोसी सीटें भाजपा ने 2014 में जीती थीं, लेकिन 2019 में हार गई. तो वहीं 2014 में हारी बदायूं और फिरोजाबाद की सीटों पर 2019 में जीत हासिल की थी. फिलहाल देखना ये है कि भाजपा की रणनीति इस बार क्या हारी सीटों पर कमल खिलाएगी. हालांकि भाजपा पूरी मजबूती के साथ इस लोकसभा चुनाव में उतरने की तैयारी कर रही है और किसी भी तरह की चूक करने की गुंजाइश नहीं रखेगी.
-भारत एक्सप्रेस
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