सीएम योगी आदित्यनाथ
Global Investors Summit. 10 फरवरी 2023 से तीन दिवसीय यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023 (UPGIS 2023) का आयोजन लखनऊ में होने जा रहा है. माना जा रहा है कि यह समिट पिछले समिट, जो कि 2018 में हुई थी, उसे आगे ले जाने का काम करेगा और यूपी के विकास में मील का पत्थर साबित होगा. प्रदेश में रोजगार के और अवसर बढ़ेंगे. क्योंकि, इस बार प्रदेश में 22 लाख करोड़ का निवेश होने जा रहा है, जिसमें 13 हजार से अधिक की कम्पनियां हिस्सा लेने जा रही हैं. वहीं 14 हजार से अधिक MOU प्राप्त हो चुके हैं. शिक्षा के क्षेत्र में 1.57 लाख करोड़ का निवेश होगा. 1516 विश्वविद्यालय खोलने के प्रस्ताव भी आए हैं. करीब 40 देशों के डेलिगेट्स हिस्सा लेंगे और कुल 1 करोड़ 81 लाख 44558 युवाओं को रोजगार मिलेगा.
वहीं अंबानी, अडानी और बिड़ला के अलावा करीब 12 हजार छोटे निवेशक हिस्सा लेने जा रहे हैं, जो कि कुल 1.20 लाख करोड़ रुपए के निवेश से 1.30 करोड़ रोजगार देंगे. वहीं करीब 150 निवेशक ऐसे भी हैं, जिन्होंने 3 हजार करोड़ रुपये से अधिक के निवेश के लिए MOU साइन किए हैं. इसी के साथ एक हजार निवेशक ऐसे भी हैं, जो 50 करोड़ से लेकर 200 करोड़ रुपए तक का निवेश करेंगे. तो वहीं 400 निवेशक ऐसे भी हैं, जो 500 करोड़ रुपये तक का निवेश करेंगे. 1.10 लाख करोड़ के निवेश से 4.5 लाख लोगों को रोजगार मिलेगा.
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धरातल पर 80 फीसदी MOU: औद्योगिक विकास मंत्री
औद्योगिक विकास मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नन्दी ने बताया कि निवेशकों के लिए यूपी में अब अनुकूल महौल बन गया है. यहां पर माफियाराज खत्म हो गया है. उन्होंने कहा, ” निवेशक इसीलिए यहां के लिए आकर्षित हो पा रहे हैं, क्योंकि अब यूपी में माफिया राज खत्म हो गया है और कानून व्यवस्था स्थापित हो चुकी है. 2017 में सरकार बनने के बाद सबसे पहला काम यही था कि प्रदेश से गुंडाराज खत्म किया जाए. इसके एक साल बाद फरवरी 2018 में पहला यूपी इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन किया गया, जिसमें मुकेश अम्बानी, रतन टाटा, गौतम अडानी समेत देश के 5 हजार बड़े अद्योगपतियों के साथ ही दुनिया के कई देशों के प्रतिनिधि भी शामिल हुए थे. तब से लेकर अब तक यूपी में 4 लाख करोड़ रुपए के 80 प्रतिशत से ज्यादा MOU धरातल पर उतर चुके हैं और दो करोड़ युवाओं को रोजगार मिल चुका है.”
नंदी ने कोरोनाकाल की चुनौती का भी हवाला दिया और कहा, “हालांकि 2020 में कोरोना महामारी ने देश दुनिया को रोक दिया था और काफी हद तक प्रदेश के विकास की रफ्तार में भी ब्रेक लगा ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ के तहत निवेशकों के लिए डिजिटल सिंगल विंडो पोर्टल द्वारा निवेश मित्र योजना के माध्यम से 362 से अधिक ऑनलाइन सेवाएं उपलब्ध कराई गईं. इस तरह से ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ में प्रदेश अचीवर्स राज्य बन गया और कोरोना काल के दौरान भी उद्योग बंद नहीं हुए.
पहले इन्वेस्टर्स समिट और आज की हकीकत
2.60 करोड़ किसानों के बीच लागत कम करने के उद्देश्य से 51, 640 करोड़ की राशि हस्तांतरित की गईं.
चार लाख करोड़ के 80 प्रतिशत से अधिक MOU धरातल पर हैं. 83 हजार ओडीओपी कारीगरों को टूलकिट बांटे गए.
10 लाख युवाओं को कौशल विकास से जोड़ा गया, जिनमें से 40 प्रतिशत से अधिक को रोजगार मिल चुका है.
19 मार्च से लेकर अब तक गन्ना किसानों को 1.90 लाख करोड़ के रिकॉर्ड गन्ना मूल्य का भुगतान किया गया.
प्रदेश के शाहजहांपुर, बदायूं और पीलीभीत में मिले मेडिकल कॉलेज भी मिले.
प्रदेश में सीएम अप्रेंटिसशिप योजना चलाई जा रही है, जिसके माध्यम से करीब 62 हजार युवाओं को इंसेंटिव दिया जा चुका है.
कानपुर को नया एयरपोर्ट मिला है. इसी के साथ प्रदेश में 10 अन्य एयरपोर्ट का निर्माण कार्य भी तेजी से चल रहा है. जेवर व अयोध्या में भी एयरपोर्ट का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है.
अलीगढ़, आजमगढ़, चित्रकूट, सोनभद्र, श्रावस्ती में एयरपोर्ट संचालन के लिए भी प्रदेश सरकार एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया से समझौता कर चुकी है.
इसी के साथ कानपुर को लखनऊ से जोड़ने के लिए ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे बनने जा रहा है. इसके बाद कानपुर से मात्र 45 मिनट में लखनऊ पहुंचा जा सकेगा, जबकि अभी डेढ़ से दो घंटे लग जाते हैं.
कानपुर मेट्रो का काम भी 15 नवंबर 2019 को शुरू हुआ था, जो कि 28 दिसंबर 2021 को शुरू हो गई थी.
नोएडा फिल्म सिटी
नोएडा फिल्म सिटी, जिसके पहले चरण का कार्य 2024 में पूरा होने की सम्भावना है. यह परियोजना 10 हजार करोड़ की है. सेक्टर 21 में 1000 एकड़ में ये तीन चरण में विकसित की जानी है. इसमें फिल्म निर्माण से जुड़ा ढांचा, फिल्म इंस्टीट्यूट, एम्यूजमेंट पार्क, आउटडोर लोकेशन आदि को शामिल किया गया है, जो कि लाखों युवाओं के रोजगार का माध्यम बना है.
डाटा सेंटर
करीब तीन लाख स्क्वॉयर फीट में फैले इस डाटा सेंटर के निर्माण की शुरुआत 2021 में हुई थी. इसका निर्माण हीरानंदानी समूह की मुंबई स्थित सहायक कंपनी Yotta द्वारा शुरू किया गया था. यह भी पहले इन्वेस्टर्स समिट की देन है, जिसने लाखों लोगों को रोजगार दिया है.
डिफेंस कॉरिडोर
पहले इन्वेस्टर्स समिट में शामिल होने के बाद अडानी समूह ने डिफेंस कारिडोर के तहत कानपुर में एशिया का सबसे बड़ा एम्यूनेशन कांप्लेक्स (अस्त्र-शस्त्र निर्माण क्षेत्र) के लिए कार्य शुरू किया था. इसे तेजी से विकसित होने जा रहा है. ‘अडानी डिफेंस एंड एयरोस्पेस’ ने इसके लिए ‘डिफेंस कारिडोर’ की 499 एकड़ से भी ज्यादा जमीनें ली है। यूपी डिफेंस कारिडोर में इसे अब तक सबसे बड़ा भूमि आवंटन माना जा रहा है.
-भारत एक्सप्रेस
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