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Uttarakhand Conclave: ‘मैं भारतीय मुसलमान हूं…’ भारत एक्सप्रेस के कॉनक्लेव में बोले वक्फ बोर्ड के चेयरमैन शादाब शम्स

Uttarakhand Conclave: यूसीसी पर पूछे गए सवाल के जवाब में शादाब शम्स ने कहा कि यह किसी के खिलाफ नहीं है. यह तो उभरते हुए भारत की ओर युवा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का सधा हुआ कदम है.

Uttarakhand Conclave

Uttarakhand Conclave: उत्तराखंड में बुधवार (13 मार्च 2024) भारत एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क की ओर से ‘उन्नति की ओर’ कॉनक्लेव में वक्फ बोर्ड के चेयरमैन, शादाब शम्स ने भी हिस्सा लिया. इसके अलावा सूर्यकांत धस्माना भी इस कार्यक्रम में खुलकर बोले. शादाब शम्स ने कहा कि वे पहले भारतीय और फिर मुसलमान हैं. उन्होंने इस्लाम पर कहा कि अल्लाह का इस्लाम मानने वालों को देश में कहीं दे दिक्कत नहीं आ सकती. भारत एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क के उत्तराखंड में शादाब शम्स और सूर्यकांत धस्माना ने और क्या कुछ कहा? जानिए.

‘मैं भारतीय मुसलमान हूं…’

मैं ये मानता हूं कि हम हिंदुस्तानी (भारतीय) मुसलमान हैं. पहले भारतीय हैं फिर मुसलमान हैं. जितना भारतीय जनता पार्टी को समझा है, इस्लाम को समझा है, मुझे नहीं लगता है कि अगर अल्लाह का इस्लाम मानने वाले लोग हैं, उन्हें इस देश में कहीं से दिक्कत नहीं आ सकती है. कुछ लोगों का मानना है कि देश में भय का माहौल है इस सवाल के जवाब पर उन्होंने कहा- मैं कहीं से डरा हुआ नहीं हूं.

यूसीसी किसी के खिलाफ नहीं…

यूसीसी पर पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि यह किसी के खिलाफ नहीं है. यह तो उभरते हुए भारत की ओर युवा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का सधा हुआ कदम है. विकसित देशों में भी यूसीसी लागू है. वहां हर मजहब का व्यक्ति रहता है. सब लोग रह रहे हैं किसी को कोई दिक्कत नहीं है. यूसीसी डराने वाला नहीं है. यह कहता है कि अपने कस्टम्स को फॉलो करें. मुसलमान उसी तरह निकाह करेंगे जैसा पहले करते थे, मगर अब उसे रजिस्टर्ड करना होगा. हलाल जैसी प्रथा मुस्लिम समुदाय का हिस्सा नहीं था. जिसको लेकर हम लोगों को समाज में जलील होना पड़ता था. हमारे पास इसका कोई उत्तर नहीं होता था.

सूर्यकांत धस्माना ने क्या कहा

भारत एक्सप्रेस के कॉन्कलेव में सूर्यकांत धस्माना कहा कि हिंदुस्तान विविधताओं का देश है. तमाम, धर्म, संप्रदाय, जातियां, भाषा, बोलियां, खान-पान को देखते हुए संविधान निर्माताओं ने जो कानून बनाकर दिया वो देश की पूरी आबादी का कॉमन ग्रंथ है. ऐसे में देश में किसी भी धर्म-संप्रदाय के लोग अगर गलत कर रहे हैं तो वह गलत है. एक लोग या कुछ लोगों के गलत करने से पूरे समुदाय को गलत नहीं कहा जा सकता है.

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