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हल्द्वानी हिंसाः आज राज्यपाल से मिलेगा INDIA का प्रतिनिधिमंडल, 4 उपद्रवी गिरफ्तार, कर्फ्यू जारी

Uttarakhand Haldwani Violence Update: हल्द्वानी में हिंसा के बाद फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है. जिले में 48 घंटे के बाद भी कर्फ्यू जारी है. वहीं इंटरनेट भी बैन है.

Uttarakhand Haldwani Violence Update

जिले में भारी मात्रा में सुरक्षाबल तैनात है.

Uttarakhand Haldwani Violence Update: उत्तराखंड के हल्द्वानी में हिंसा के बाद फिलहाल स्थिति नियंत्रण में हैं. हालांकि हिंसा के 48 घंटे के बाद भी जिले में कर्फ्यू जारी है. भारी मात्रा में सुरक्षाबलों की तैनाती है. इस बीच इंटरनेट भी बंद है. इस बीच खबर है कि इंडिया गठबंधन का का एक प्रतिनिधि मंडल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करण माहरा के नेतृत्व में आज राज्यपाल से मुलाकात करेगा.

जानकारी के अनुसार हिंसा में 5 हजार लोगों के शामिल होने की संभावना जताई गई है. पुलिस ने अब तक 4 लोगों को पकड़ा है. फिलहाल पुलिस की टीमें सीसीटीवी की मदद से हिंसा में शामिल लोगों की तलाश में जुटी है.

हाईकोर्ट के आदेश पर कार्रवाई करने पहुंचा था प्रशासन

बता दें कि हल्द्वानी के वनभूलपुरा में अवैध मस्जिद और मदरसा ढहाने गए प्रशासन पर उपद्रवियों ने धावा बोल दिया. नगर निगम के बुलडोजर ने नमाज के लिए बनाई गई इमारत को ढहा दिया था. इसके बाद लोगों ने पत्थरबाजी शुरू कर दी थी. पुलिस टीम को अपनी जान बचाने के लिए थाने और घरों में शरण लेनी पड़ी थी.

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फिलहाल हल्द्वानी में पूरी तरह शांति है. हिंसा में पिता-पुत्र समेत 6 लोगों की मौत हो गई. वहीं 300 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हुए हैं. सरकार ने दंगाइयों को देखते ही गोली मारने का आदेश दे रखा हैं.

हल्द्वानी डीएम बोलीं- सुनियोजित था हमला

हिंसा के एक दिन हल्द्वानी डीएम वंदना सिंह ने प्रेस वार्ता में बताया कि उपद्रवियों ने पहले से ही हमले की प्लानिंग कर रखी थी. भीड़ ने पत्थर फेंके जिसे पुलिस फोर्स ने लाठचार्ज कर खदेड़ दिया. इसके बाद एक बार फिर उपद्रवी घरों से बाहर निकलें और पेट्रोल बम फेंके.

महिला पुलिसकर्मी ने सुनाई आपबीती

वहीं हाॅस्पिटल में इलाज के लिए भर्ती महिला पुलिसकर्मी ने बताया कि हम 15-20 से लोग बचने के लिए घर में घुस गए. लोगों ने पथराव किया, कांच की बोतले फेंकीं. चारों तरफ गलियों में छतों से पथराव हो रहा था. जिसने हम लोगों को बचाया, उन्हें भी गालियां दीं और उनका घर तोड़ दिया. इसके बाद हमने लोकेशन भेजकर पुलिस फोर्स बुलाई तब कहीं जाकर हमारी जान बची.

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