रैट माइनर मुन्ना कुरैशी को गले लगाते हुए सीएम पुष्कर सिंह धामी
Uttarkashi Rescue Operation: उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग के धंसने के बाद 41 मजदूर अंदर फंस गए थे. जिन्हें 17 दिन तक चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद मंगलवार (28 नवंबर) को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया. मजदूरों के बाहर आने से पूरे देश में खुशी का माहौल है. श्रमिकों के परिजनों ने मंगलवार की शाम को घरों में दीप जलाकर खुशियां मनाईं. वहीं इन 17 दिनों तक चले रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान तमाम एक्सपर्ट की मदद ली गई. जिसमें देश-विदेश की कंपनियों ने भी मदद की, लेकिन इन सब लोगों की मदद के बाद भी ड्रिलिंग में समस्याएं आ रही थीं.
मुन्ना कुरैशी बने ऑपरेशन के नायक
अमेरिका से मंगाई गई ऑगर मशीन में तकनीकी खराबी आने के बाद मलबे को हटाने के लिए रैट माइनर्स की 6 सदस्यीय टीम को बुलाया गया. जिसमें मुन्ना कुरैशी नाम के एक रैट माइनर की काफी चर्चा हो रही है. बताया जा रहा है कि रैट माइनर मुन्ना कुरैशी ने सुरंग के आखिरी हिस्से के मलबे को हटाया. जिसके बाद इस रेस्क्यू ऑपरेशन को सफलता मिली. मुन्ना कुरैशी आखिरी समय में सुरंग की खुदाई करके इस ऑपरेशन के नायक बन गए हैं.
रैट माइनर्स कंपनी में काम करते हैं मुन्ना कुरैशी
अब आपको बताते हैं कि आखिर कौन हैं 29 वर्षीय मुन्ना कुरैशी? दरअसल, मुन्ना कुरैशी दिल्ली की एक रैट माइनिंग टीम में काम करते हैं. मुन्ना कुरैशी ट्रेंचलेस इंजीनियरिंग कंपनी में नौकरी करते हैं. ये कंपनी सीवर लाइन और पानी की लाइनों की साफ-सफाई करती है. मुन्ना कुरैशी ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि “जब मैंने सुरंग के अंदर का आखिरी पत्थर हटाया तो अंदर मौजूद लोग देखते ही खुशी से झूम उठे. उन्होंने दौड़कर मुझे गले लगाया. इसके बाद उन्होंने मुझे खाने के लिए बादाम दिए.”
देखते ही झूम उठे श्रमिक
मुन्ना कुरैशी ने आगे बताया कि वे लोग पिछले 24 घंटे से काम कर रहे थे, वे लोग जब अंदर पहुंचे तो वहां पर मौजूद लोग नाचने लगे. उन्होंने हम सभी का धन्यवाद किया. मुन्ना कुरैशी बोले कि “उन लोगों ने जो मुझे इज्जत दी, वो मैं कभी जिंदगी में नहीं भूल सकता.” इसी टीम का हिस्सा रहे फिरोज नाम के दूसरे रैट माइनर ने बताया कि ” जब हम लोग अंदर पहुंचे तो सुरंग में फंसे लोग हमें देखते ही रो पड़े. ये उनकी खुशी के आंसू थे. मैंने फंसे हुए लोगों को गले लगाया.”
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वहीं एक और रैट मैाइनर ने बताया कि जब हम कुछ मीटर की दूरी पर थे, तब हम टनल में फंसे लोगों की आवाजें साफ सुन रहे थे. हमने उनको बताया कि हम उनके काफी नजदीक आ गए हैं, हमने उन्हें भरोसा दिलाया कि अब वो लोग पूरी तरह से सुरक्षित हैं. इसी के आधे घंटे के बाद NDRF की टीम भी सुरंग में पहुंच गई.
-भारत एक्सप्रेस
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