सीएम धामी ने श्रमिकों को सौंपे चेक
Uttarkashi Tunnel Rescue: उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को 17 दिनों के बाद 28 नवंबर को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है. मजदूरों को सुरंग से निकालने के बाद उन्हें चिन्यालीसौड़ अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जहां उनका ट्रीटमेंट किया जा रहा है. इसी बीच मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अस्पताल पहुंचकर सभी श्रमिकों से मुलाकात की. इस दौरान सीएम धामी ने सभी मजदूरों को 1-1 लाख रुपये का चेक सौंपा. इसके साथ ही मजदूरों को 20 दिन की छुट्टी देने का ऐलान भी किया गया है.
पीएम मोदी ने फोन पर की थी बात
इससे पहले मंगलवार की देर रात सभी श्रमिकों से पीएम मोदी ने फोन पर बात कर उनका हालचाल जाना था. सीएम धामी लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन की मॉनिटरिंग कर रहे थे. उन्होंने घटनास्थल पर ही कैंप बनाकर वहीं से सारे सरकारी कामकाज कर रहे थे. इसके अलावा पीएम मोदी को रेस्क्यू ऑपरेशन से जुड़ी पल-पल की जानकारी फोन पर दे रहे थे.
#WATCH चिन्यालीसौड़: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तरकाशी सुरंग से सुरक्षित निकाले गए 41 श्रमिकों से चिन्यालीसौड़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में मुलाकात की और उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली, उन्हें राहत चेक भी सौंपे। pic.twitter.com/JNFCeSKYJe
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 29, 2023
पीएम बोले- ये सफलता भावुक करने वाली
इससे पहले पीएम मोदी ने सुरंग से श्रमिकों के सुरक्षित बाहर निकलने पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट करते हुए खुशी जताई थी. पीएम मोदी ने पोस्ट में लिखा था कि “उत्तरकाशी में हमारे श्रमिक भाइयों के रेस्क्यू ऑपरेशन की सफलता हर किसी को भावुक कर देने वाली है. टनल में जो साथी फंसे हुए थे, उनसे मैं कहना चाहता हूं कि आपका साहस और धैर्य हर किसी को प्रेरित कर रहा है. मैं आप सभी की कुशलता और उत्तम स्वास्थ्य की कामना करता हूं.
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12 नवंबर को हुआ था हादसा
बता दें कि 12 नवंबर को सिलक्यारा सुरंग का करीब 70 मीटर हिस्सा धंस गया था. जिसके बाद मजदूरों को निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया था. इस रेस्क्यू ऑपरेशन पर दुनिया भर की नजरें टिकी हुई थीं. 12 नवंबर के बाद से लगातार अभियान चलाया जा रहा है. जिसमें सबसे पहले थाइलैंड और नार्वे देशों के टनल एक्सपर्ट की मदद भी ली गई थी. ड्रिलिंग के लिए अमेरिका से ऑगर मशीन लाई गई थी. जिसने करीब 47 मीटर तक मलबे की खुदाई करके रास्ता बनाया था. बाद में इस मशीन में खराबी आ जाने के चलते रैट माइनर्स की मदद से बाकी हिस्से के मलबे को हटाकर पाइप डाली गई. जिसके जरिए सभी मजदूरों को बाहर निकाला गया.
-भारत एक्सप्रेस
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