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Varanasi: अब से काशी गंगा घाट पर 5 रुपए के सामान पर करना होगा 50 रुपए का भुगतान, जानिए नगर निगम क्यों लगा रहा है ये सिक्योरिटी मनी

काशी को साफ-सुथरा रखने के लिए वाराणसी नगर निगम ने ऐसा तुगलकी फरमान जारी कर दिया जो लोगों के गले नहीं उतर रहा है. दुकानदार से लेकर ग्राहक तक इसको लेकर परेशान हैं.

काशी गंगा घाट

सौरभ अग्रवाल

Varanasi: काशी के गंगा घाटों पर घूमना भला किसे पसंद नहीं. यही तो वो जगह है जो पर्यटकों को खूब लुभाती है और बड़ी संख्या में यहां पर देश-विदेश से आए पर्यटक पहुंचते हैं और देर शाम तक अपना समय व्यतीत करते हैं. इसी दौरान यहां के आस-पास की दुकानों से खाने-पीने की चीजें भी खरीदते हैं, लेकिन अगर आप अब घूमने जाएंगे तो कोई भी सामान चाहे वो 5 रुपए का ही क्यों न हो, लेने पर 50 रुपए की सिक्योरिटी मनी जमा करनी होगी. वाराणसी नगर निगम के इस नए नियम ने लोगों को चौंका कर रख दिया है. हालांकि बाद में ये पैसे ग्राहक को वापस कर दिए जाएंगे.

काशी को साफ-सुथरा रखने के लिए जारी किया गया है ये नया नियम

जानकारी सामने आ रही है कि, वाराणसी के गंगा घाटों और आसपास चिप्स, बिस्किट, पानी की बोतल व अन्य खाद्य सामग्री खरीदने पर दुकानदार के पास 50 रुपए की सिक्योरिटी मनी जमा करना होगा. यह अनिवार्य धरोहर राशि जमा किए बगैर दुकानदार कोई सामान नहीं देगा. पढ़ने में अजीब जरूर लग रहा है, लेकिन यह हकीकत है. दरअसल काशी को साफ-सुथरा रखने के लिए वाराणसी नगर निगम ने ऐसा तुगलकी फरमान जारी कर दिया जो लोगों के गले नहीं उतर रहा है. काशी के गंगा घाटों और आसपास खाने-पीने की चीजें, खरीदने पर दुकानदार के पास 50 रुपए की सिक्योरिटी मनी जमा करना वाराणसी नगर निगम ने अनिवार्य कर दिया है. बिना इस राशि के जमा किए सामान देने पर दुकानदार को दंड का भागी बनना पड़ेगा. वाराणसी नगर निगम की ओर से गंगा घाटों को प्लास्टिक मुक्त बनाने का हवाला देते हुए यह आदेश जारी किया गया है. वाराणसी नगर निगम के इस फरमान से ग्राहक ही नहीं दुकानदार भी परेशान हैं. यही नहीं आदेश में आगे कुछ और भी उल्लेख किया गया है जो दुकानदारों की परेशानी का सबब बन गया है. सोशल मीडिया पर वाराणसी नगर निगम के इस फरमान पर खूब चुटकी ली जा रही है.

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जेब में 50 रुपए नहीं तो मुंह पर ताला लगाकर पहुंचे काशी के गंगा घाट

वाराणसी नगर निगम के इस आदेश की सार्वजनिक आलोचना भी शुरू हो गई है. 50 रुपए की सिक्योरिटी मनी वाले आदेश पर लोग कह रहे हैं जिसके पास 50 रुपए से कम हो वो गंगा घाट पर मुंह और पेट पर ताला लगा कर जाएं. नगर निगम से लोग पूछ रहे है कि, क्या अब 5 रुपए के चिप्स के पैकेट के लिए भी 50 रुपए देने पड़ेंगे, वहीं दुकानदार भी काफी परेशान है कि अब सामन बेचने के बाद ग्राहक से सिक्योरिटी मनी जमा करना पड़ेगा और जब वह प्लास्टिक का थैला या अन्य खाद्य सामग्रियों का पैकेट लौटाएंगे तो उन्हें सिक्योरिटी मनी भी लौटाना पड़ेगा. सोशल मीडिया पर इस आदेश को लेकर मीम्स बनने शुरू हो गए हैं. दुकानदारों को भी नहीं समझ आ रहा कि इस आदेश का पालन कैसे कराएं और ग्राहकों को कैसे समझाएं.

जगह-जगह चस्पा हुए आदेश

वाराणसी नगर निगम की ओर से जारी आदेश में वाराणसी के गंगा घाट पर और आसपास के क्षेत्र के दुकानदारों को सख्त निर्देश दिया गया है कि उक्त निर्देश का पालन करें, अन्यथा उनके खिलाफ सख्त विधिक कार्रवाई की जाएगी. इसके लिए आदेश की कॉपी गंगा घाटों व आसपास के दुकानों के बाहर चस्पा कर चेतावनी भी दी गई है. वाराणसी के दशाश्वमेध जोन के सहायक नगर आयुक्त संजय कुमार तिवारी ने बताया कि नगर निगम वाराणसी के गंगा घाटों को प्लास्टिक मुक्त बनाने और स्वच्छ बनाने के लिए प्रतिबद्ध है और इसी को लेकर यह आदेश जारी किया गया है, कि कोई भी दुकानदार प्लास्टिक के पैकेट वाली सामग्री बेचेगा तो वो धरोहर राशि के रूप ग्राहक से 50 रुपए जमा करवाएगा. ग्राहक की धरोहर राशि दुकानदार तभी वापस करेगा, जब उक्त सामग्री के पैकेट ग्राहक दुकानदार को वापस करेगा.

दुकानदारों का कहना, सामान बेचें कि ग्राहकों से किचकिच करें

गंगा घाट पर दुकान लगाने वाले दुकानदारों का कहना है कि वाराणसी नगर निगम ने यह फरमान जारी कर मुसीबत खड़ी कर दी है. यह आदेश किसी के भी समझ से परे हैं. 5 रुपए की चीज के लिए 50 रुपए की धरोहर राशि कौन जमा करेगा. ग्राहकों से इसको लेकर कहासुनी होगी तो इसे कौन सलटाएगा. हम लोग दुकानदारी पर कर दो-चार पैसा कमाएं कि ग्राहकों से झगड़ा करें. इस बारे में नगर निगम के अधिकारियों से अनुरोध किया गया की इस आदेश पर पुनर्विचार करें, लेकिन वो किसी की सुनने को तैयार नहीं हैं तो वहीं घूमने आए लोगों का कहना है कि साफ-सुथरा रखने के लिए जगह-जगह नगर निगम को डस्टबिन रखवाना चाहिए और सभी से अपील करनी चाहिए कि कूड़ा उसी में फेंका जाए, लेकिन ये कैसे फरमान है कि 5 रुपए की चीज पर 50 रुपए जमा किए जाएं? सावन से पहले लागू किया गया नगर निगम का ये फरमान लोगों के लिए सिरदर्द बन गया है.

-भारत एक्सप्रेस

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