Lucknow: विधान सभा की विशेषाधिकार समिति ने पूर्व MLA सलिल विश्नोई की पिटाई के मामले में आज एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है. मामले में क्षेत्राधिकारी अब्दुल समद और पांच अन्य पुलिसकर्मियों को विशेषाधिकार हनन का दोषी पाया गया है. क्षेत्राधिकारी अब्दुल समद मामले के समय कानपुर में तैनात थे. मामले में कल विधान सभा ने दोषी पुलिसकर्मियों के विरुद्ध विशेषाधिकार हनन के प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पारित कर दिया.
विश्नोई अभी भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष
पूर्व MLA सलिल विश्नोई वर्तमान में भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष हैं. इस मामले में विधान सभा में शून्य प्रहर के दौरान संसदीय कार्यमंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने प्रस्ताव प्रस्तुत किया. जिसमें बताया गया कि सलिल विश्नोई ने 25 अक्टूबर, 2004 को अब्दुल समद और पांच अन्य पुलिसकर्मियों के खिलाफ विशेषाधिकार हनन और सदन की अवमानना की सूचना दी.
मामले में 28 जुलाई, 2005 को विधान सभा की विशेषाधिकार समिति ने अब्दुल समद समेत पांच अन्य पुलिस कर्मियों को विशेषाधिकार हनन व सदन की अवमानना का दोषी पाया था. वहीं 1 और 27 फरवरी 2023 को हुईं बैठकों में भी इन सभी पुलिसकर्मियों को कारावास का दंड देने की सिफारिश की गई है.
विधानसभा में आज शुक्रवार को इस मामले में अदालत लगी. इसमें दोषी पुलिसकर्मियों को एक दिन की कारावास की सजा सुनाई गई. इसके लिए विधानसभा परिसर के अंदर बनी जेल में आज रात 12 बजे तक सभी पुलिसकर्मियों को रखा जाएगा. पुलिसकर्मियों को यह सजा विधानसभा अध्यक्ष सतीश महना ने सुनाई है.
इन पुलिसकर्मियों को पाया गया दोषी
अब्दुल समद के अलावा इस मामले में कानपुर के किदवईनगर के तत्कालीन थानाध्यक्ष ऋषिकांत शुक्ला, थाना कोतवाली के तत्कालीन उप निरीक्षक त्रिलोकी सिंह, किदवई नगर थाने के तत्कालीन कांस्टेबल छोटे सिंह यादव और काकादेव थाने के तत्कलीन कांस्टेबल विनोद मिश्र व मेहरबान ङ्क्षसह यादव शामिल हैं. इनमें से तत्कालीन सीओ रहे अब्दुल समद आइएएस से रिटायर हो चुके हैं. वहीं पांच अन्य पुलिसकर्मी अभी सेवा में हैं.
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यह मामला था मामला
सलिल विश्नोई उस समय कानपुर की जनरलगंज सीट से भाजपा के विधायक थे. 25 अक्टूबर, 2004 को विधान सभा अध्यक्ष से शिकायत करते हुए उन्होंने कहा था कि 15 सितंबर, 2004 को वह अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं-धीरज गुप्ता, सरदार जसविंदर सिंह, विकास जायसवाल, दीपक मेहरोत्रा के साथ शहर में जनता की समस्याओं से संबंधित एक ज्ञापन जिलाधिकारी को देने के लिए जा रहे थे.
इसी दौरान क्षेत्राधिकारी बाबूपुरवा अब्दुल समद और अन्य पुलिसकर्मियों ने उन्हें डंडों से जमकर पीटा और भद्दी गालियां भी दीं. सलिल विश्नोई का कहना था कि जब उन्होंने बतौर विधायक अपना परिचय दिया तो क्षेत्राधिकारी अब्दुल समद ने कहा कि ‘मैं बताता हूं कि विधायक क्या होता है. उन्होंने बताया कि पुलिस की इस हरकत से उनके दाहिने पैर में फ्रैक्चर हो गया था.