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Tripura Election 2023: त्रिपुरा की 60 विधानसभा सीटों पर मतदान समाप्त हो गया है. सुबह से बजे से ही मतदाताओं ने बूथों पर अपने उम्मीदवार को जीताने के लिए वोट डालना शुरू दिया था. मतदान केंद्रों पर सुबह 7 बजे से ही भीड़ दिखाई दे रही थी और ये सिलसिला शाम 4 बजे तक चला. चुनाव अधिकारियों ने बताया कि त्रिपुरा में गुरुवार को भारी सुरक्षा के बीच 28.14 लाख मतदाताओं में से 81 प्रतिशत से अधिक मतदाताओं ने शाम चार बजे तक अपने मताधिकार का प्रयोग किया. जबकि 2013 और 2018 के विधानसभा चुनावों में क्रमश: 91.82 प्रतिशत और 89.38 प्रतिशत मतदान हुआ था.
चुनाव अधिकारी ने मीडिया से बात हुए बताया कि “शाम 4 बजे आधिकारिक रूप से मतदान समाप्त होने के बाद भी राज्य भर के कई मतदान केंद्रों पर एक लाख से अधिक मतदाता कतार में हैं. अंतिम मतदान प्रतिशत 86 प्रतिशत को पार कर सकता है”.
60 सदस्यीय विधानसभा में चुनाव के लिए 31 महिलाओं सहित कुल 259 उम्मीदवार मैदान में हैं और उनमें से सबसे अधिक बीजेपी ने 55 उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है, उसके बाद माकपा 43, टिपरा मोथा पार्टी 42, तृणमूल कांग्रेस 28, और कांग्रेस ने 13 सीटों पर चुनाव लड़ा है. 58 निर्दलीय उम्मीदवार और विभिन्न छोटे दलों के 14 उम्मीदवार भी चुनाव लड़ रहे हैं. चुनाव कराने के लिए 3,327 मतदान केंद्रों पर लगभग 31,000 कर्मियों को तैनात किया गया था. कुल मिलाकर, करीब 14 लाख महिलाओं सहित 28.14 लाख मतदाता गुरुवार को हुए मतदान में वोट डालने के योग्य थे.
मतदान के दौरान प्रदेश के अलग-अलग जिलों से राजनीतिक कार्यकर्ताओं पर हमले, मतदाताओं को डराने-धमकाने और मतदान बाधित करने की कई घटनाएं सामने आई हैं. गोमती, सिपाहीजला, दक्षिण त्रिपुरा और पश्चिम त्रिपुरा जिलों में कम से कम 60 विपक्षी दल के कार्यकर्ताओं के घायल होने की खबरें सामने आई हैं. मुख्य विपक्षी माकपा ने आरोप लगाया कि “बीजेपी कार्यकर्ताओं ने चार जिलों के 25 से अधिक मतदान केंद्रों में उम्मीदवारों के पोलिंग एजेंटों को बेदखल कर दिया”. त्रिपुरा के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) गित्ते किरणकुमार दिनकरराव ने कहा कि जहां भी प्राधिकरण को परेशानी की कोई सूचना मिली, वहां समस्याओं को हल करने के लिए सुरक्षा बलों को तुरंत भेजा गया.
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एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि गोमती जिले में सत्तारूढ़ बीजेपी के पक्ष में वोट डालने के लिए लोगों से आग्रह करने में कथित भूमिका के लिए एक कांस्टेबल को निलंबित कर दिया गया था. माकपा और कांग्रेस सहित विपक्षी दलों ने शिकायत की कि संतिरबाजार, हृषमुख, धनपुर और ककराबन सहित कई स्थानों पर सत्ता पक्ष के कार्यकर्ताओं ने विपक्षी दलों का समर्थन करने वाले मतदाताओं को बाधित किया.
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