बुलडोजर की मदद से गिराया गया PWD का गेस्ट हाउस (फोटो ट्विटर)
Joshimath Sinking: जोशीमठ में भू-धंसाव की वजह से इमारतों में बढ़ रही दरारों ने चिंता बढ़ा दी है. बढ़ती दरारों की जद में अब लोक निर्माण विभाग (PWD) का गेस्ट हाउस भी आ गया है. जिसके चलते आज गुरुवार को इस गेस्ट हाउस को बुलडोजर की मदद से गिराया गया. प्रशासन की तरफ से उन सभी इमारतों को गिराने का काम जारी है. जिसमें दरारें पड़ गई हैं. वहीं आम जनमानस की सुरक्षा को देखते हुए क्षतिग्रस्त होटल और घरों को खाली कराया गया है.
प्रशासन ने बताया कि जीएमवीएन (GMVN) का जो गेस्ट हाउस है. उसमें भी दरारें देखी गई. यहां आने वाले वैज्ञानिकों को यहीं ठहराया जाता था. वहीं आम लोगों के राहत शिविर संस्कृत महाविद्यालय भवनों में भी बारीक दरारें दिख रही हैं. जिससे हड़कंप मचा हुआ है. भवन में दरार दिखते ही कर्मचारियों ने इसकी सूचना चमोली के जिला पर्यटन अधिकारी को दी है.
शहर के 849 भवनों में दरारें आ चुकी हैं
जोशीमठ में होटलों और घरों को तोड़ने की शुरुआत के बाद अब आवासीय भवनों का ढहाये जाने का काम शुरू हो गया हैं. इस बीच बुधवार को आठ और परिवारों को राहत शिविरों में ले जाया गया. अब तक 258 परिवारों की सुरक्षा को देखते हुए शिफ्ट किया जा चुका है. जोशमठ में भू-धंसाव जारी है, लगातार कई इमारतों में दरारें बढ़ती जा रही हैं. अभी तक शहर के 849 भवनों में दरारें आ चुकी हैं. वहीं, होटल माउंट व्यू और मलारी इन के बाद अब अन्य होटलों में भी दरारें आई हैं. जमीन खिसकने की वजह से होटल आपस में मिलने लगे हैं. वहीं, तहसील भवनों के ऊपरी और निचले हिस्से में भी भू-धंसाव हो रहा है.
#WATCH उत्तराखंड: भू-धंसाव के चलते जोशीमठ में ध्वस्तिकरण का कार्य चल रहा है। जेसीबी की मदद से ध्वस्तिकरण किया जा रहा हैं।
(वीडियो पीडब्ल्यूडी गेस्ट हाउस का है।) pic.twitter.com/C55H1dC8Oj
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 19, 2023
हम जोशीमठ क्षेत्र की निगरानी रोज कर रहे हैं- धामी
वहीं जोशमठ की आपदा पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि,” हम जोशीमठ क्षेत्र की निगरानी रोज कर रहे हैं. वहां पर पानी 570 LPM से घटकर 100 LPM तक आ गया है. भू-धंसाव और आपदा के कारणों को जानने के लिए भारत सरकार के 8 संस्थान काम कर रहे हैं. रिपोर्ट का आकलन करने के बाद एक रिपोर्ट तैयार की जाएगी.
हम जोशीमठ क्षेत्र की निगरानी रोज कर रहे हैं। वहां पर पानी 570 LPM से घटकर 100 LPM तक आ गया है। भू-धंसाव और आपदा के कारणों को जानने के लिए भारत सरकार के 8 संस्थान काम कर रहे हैं। रिपोर्ट का आकलन करने के बाद एक रिपोर्ट तैयार की जाएगी: उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी, देहरादून pic.twitter.com/y9JL2v4PMg
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 19, 2023
– भारत एक्सप्रेस
इस तरह की अन्य खबरें पढ़ने के लिए भारत एक्सप्रेस न्यूज़ ऐप डाउनलोड करें.