AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी.
देश में वक्फ बोर्ड के अधिकारों को लेकर लंबे समय से बहस चली आ रही है. केंद्र सरकार ने संसद में वक्फ बोर्ड अधिनियम में संशोधन का बिल पेश किया था. हालांकि, वो पास नहीं हो पाया है. केंद्र की सत्ता में काबिज भाजपा के कुछ नेताओं का कहना है कि वक्फ़ की संपत्ति भी देश की संपत्ति हैं. सरकार के पास ये अधिकार है कि कागजात न मिलने पर और संपत्ति की वैधता न साबित होने पर उसे नियंत्रण में ले सकती है. इस पर असदुद्दीन ओवैसी ने ऐतराज जताया.
एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने पत्रकारों से बातचीत में आज कहा, “मैं ये बात साफ कर देना चाहता हूं कि वक्फ़ संपत्ति एक निजी संपत्ति है. बीजेपी इसको लेकर झूठ फैला रही है. बीजेपी ऐसे बता रही है कि वक्फ़ एक सरकारी संपत्ति है. दूसरी झूठी अफ़वाह जो बीजेपी फैला रही है वो ये है कि वक्फ़ बोर्ड के पास 9,40,000 एकड़ ज़मीन है.”
वक्फ बोर्ड पर उठते सवालों के बीच ओवैसी ने हिंदू बंदोबस्ती बोर्ड का जिक्र छेड़ दिया. ओवैसी ने पत्रकारों से कहा, “अगर आप तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और ओडिशा के 13 हिंदू बंदोबस्ती बोर्ड की संपत्ति को देखेंगे, तो उन्हीं में 10 लाख एकड़ ज़मीन हो जाती है. जैसे हिंदू मजहब में संपत्ति दान दी जाती है, वैसे ही मुस्लिमों में भी संपत्ति दान दी जाती है. तो सरकार इसमें हस्तक्षेप क्यों कर रही है? ये संविधान के आर्टिकल—26 का उल्लंघन है.”
‘वक्फ बोर्ड अधिनियम में संशोधन न हो’
वक्फ बोर्ड अधिनियम में संशोधन का बिल लाने पर असदुद्दीन ओवैसी ने केंद्र सरकार पर एक बार फिर निशाना साधा. ओवैसी ने कहा , “नरेंद्र मोदी सरकार ये बिल वक्फ़ संपत्ति में बेहतरी के लिए नहीं लाई है. ये बिल वक्फ़ बोर्ड को ख़त्म करने के लिए लाया गया है.”
आखिर वक्फ का मतलब क्या होता है
वक्फ अरबी भाषा के वकुफा शब्द से आया है, जिसका मतलब होता है— ठहरना. वक्फ से तात्पर्य है ट्रस्ट-जायदाद को जन-कल्याण के लिए समर्पित करना. इस्लाम में ये एक तरह का मजहबी बंदोबस्त है. मुस्लिमों में वक्फ उस जायदाद को कहते हैं, जो इस्लाम को मानने वाले दान करते हैं. ये संपत्ति चल-अचल दोनों तरह की हो सकती है. ये दौलत वक्फ बोर्ड के तहत आती है. भारत में वक्फ बोर्ड हजारों वर्ग मील जमीन का नियंत्रण भी अपने पास रखता है.
— भारत एक्सप्रेस
इस तरह की अन्य खबरें पढ़ने के लिए भारत एक्सप्रेस न्यूज़ ऐप डाउनलोड करें.