वायनाड त्रासदी (सांकेतिक तस्वीर).
Wayanad Tragedy: बीते 30 जुलाई को लगातार बारिश के बीच केरल के वायनाड जिले के मुंडक्की, चूरलमाला, वेल्लारीमाला गांवों में विनाशकारी भूस्खलन हुआ, जिसनें सैकड़ों लोगों की जान चली गई थी.
घटना के बाद केंद्र की मोदी सरकार ने स्थिति का जायजा लिया और तुरंत कार्रवाई करते हुए घटनास्थल पर बचाव और राहत कार्य के लिए SDRF, सेना, वायुसेना, नौसेना, अग्निशमन सेवाओं, नागरिक सुरक्षा आदि के 1200 से अधिक बचावकर्मियों को तैनात किया. चिकित्सा सहायता और इलाज के लिए डॉक्टरों और अन्य चिकित्सा कर्मचारियों के साथ 100 से अधिक एम्बुलेंस तैनात की गईं.
सेना ने 71 घंटे में बनाया 190 फुट का पुल
भारतीय सेना ने वायनाड में 190 फीट लंबा बेली ब्रिज बनाया, जो भारी मशीनरी और एम्बुलेंस की आवाजाही को सुविधाजनक बनाने में महत्वपूर्ण रहा है. उल्लेखनीय रूप से इस पुल का निर्माण केवल 71 घंटों में पूरा हो गया, जिससे बचाव कार्यों में काफी तेजी आई और पुल के क्षतिग्रस्त होने के कारण फंसे लगभग 200 लोगों को बचाने के लिए भारी वाहनों और मशीनरी को जुटाया जा सका.
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बता दें कि अब तक एनडीआरएफ बचाव दलों द्वारा कुल 30 लोगों को बचाया गया है, 520 लोगों को निकाला गया है और 112 शव बरामद किए गए हैं. राज्य के प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा एक अंतर-मंत्रालयी केंद्रीय दल (आईएमसीटी) का गठन किया गया है. यह दल 8 से 10 अगस्त तक प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर रहा है.
केंद्र ने हमेशा केरल की मदद की
केंद्र सरकार ने हमेशा से आपदा की चुनौती से निपटने के लिए समय पर धन उपलब्ध कराकर केरल की मदद की है. इस साल 1 अप्रैल को केरल के एसडीआरएफ खाते में करीब 395 करोड़ रुपये थे. चालू वर्ष के लिए एसडीआरएफ में केंद्र के हिस्से की पहली किस्त 145.60 करोड़ रुपये से अधिक थी, जो 31 जुलाई को अग्रिम रूप से जारी कर दी गई थी. जानकारी रहे कि पिछले पांच सालों में मोदी सरकार द्वारा राज्य आपदा कोष के कुल 1,780 करोड़ रुपये में से एसडीआरएफ के लगभग 1,200 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं.
-भारत एक्सप्रेस
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