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दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा- सरकारी योजना ‘विकसित भारत संकल्प यात्रा’ में ‘विकसित भारत’ शब्द का इस्तेमाल किए जाने में गलत क्या?

दिल्ली हाईकोर्ट ने सरकारी योजना विकसित भारत संकल्प यात्रा में विकसित भारत शब्द का इस्तेमाल किए जाने पर सवाल किया कि उसमें क्या गलत है. अक्सर ऐसे नारे सभी राजनीतिक दल इस्तेमाल करते हैं.

Delhi High Court

दिल्ली हाईकोर्ट.

दिल्ली हाईकोर्ट ने सरकारी योजना विकसित भारत संकल्प यात्रा में विकसित भारत शब्द का इस्तेमाल किए जाने पर सवाल किया कि उसमें क्या गलत है. अक्सर ऐसे नारे सभी राजनीतिक दल इस्तेमाल करते हैं. कोर्ट ने यात्रा शब्द का उल्लेख करते हुए कहा कि इसका सीधा सा अर्थ है विकसित भारत. कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन एवं न्यायमूर्ति मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा की पीठ ने कहा कि अगर कोई कहता है कि वह भारत को महान बनाना चाहता है, तो यह उसका नारा हो सकता है.

पीठ ने आगे कहा कि किसी भी पार्टी का कोई भी प्रधानमंत्री कहेगा कि वह भारत को महान बनाएगा. जिसका अर्थ है विकसित भारत. पीठ ने यह टिप्पणी केंद्र सरकार की योजनाओं को बढ़ाने के विकसित भारत संकल्प यात्रा अभियान के प्रचार के लिए सरकारी संसाधनों के कथित दुरु पयोग को लेकर दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए की. याचिकाकर्ता के वकील प्रणव सचदेवा ने कहा था कि विकसित भारत यात्रा भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का नारा है और इसका इस्तेमाल सत्तारूढ़ पार्टी अपने प्रचार के लिए कर रही है.

केंद्र सरकार की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) चेतन शर्मा ने जवाब दिया कि इस योजना का किसी भी राजनीतिक व्यक्ति या पार्टी से लेना-देना नहीं है, क्योंकि उसमें किसी भी राजनीतिक दल का चुनाव चिन्ह या राजनीतिक दल का संदर्भ नहीं है. उन्होंने जोर देकर कहा यह सरकार की योजना है और यह लोगों के लाभ के लिए है. एएसजी ने अपने तर्क को पुष्ट करने के लिए आंकड़ों का हवाला दिया और कहा कि यात्रा हजारों गांवों से गुजरी है और करोड़ों लोगों को इससे लाभ हुआ है.

एक बार जब यात्रा किसी गांव से होकर गुजरेगी, तो फीडबैक मिलेगा. उन्हें पता चल जाएगा कि हमने कहां अच्छा प्रदर्शन किया है और कहां पिछड़ गए हैं. अब तक यात्रा 34 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से होकर गुजर चुकी है. बैठकों में 11.94 करोड़ से अधिक लोग शामिल हुए हैं और उन्हें सरकारी योजनाओं के बारे में जानकारी दी गई है. पीठ ने इसके बाद इस मामले की सुनवाई 21 मई तय की है. कोर्ट इस मामले में याचिकाकर्ताओं की दलीलें पहले ही सुन चुका है. याचिका में सरकार की योजनाओं को बढ़ाने के विकसित भारत संकल्प यात्रा अभियान के उद्देश्य के लिए सार्वजनिक संसाधनों और सिविल सेवकों के उपयोग का आरोप लगाया गया है.

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-भारत एक्सप्रेस



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