शाइस्ता परवीन और अतीक अहमद (फोटो फाइल)
Shaista Parveen: माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या के बाद अतीक की बीवी का एक पुराना वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है, जिसमें वह सपा प्रमुख अखिलेश यादव पर जमकर आरोप लगाते हुए दिखाई दे रही है. बताया जा रहा है कि उसने अतीक के उस लेटर को पढ़ते हुए अखिलेश को घेरा था, जिसे अतीक ने जेल से भेजा था. यह वीडियो उस वक्त का बताया जा रहा है, जब उसने ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) ज्वाइन की थी.
इस वीडियो में दिख रहा है कि अतीक ओवैसी की पार्टी को सपोर्ट करने को कह रहा है. बताया जा रहा है कि यह लेटर उसने ओवैसी की पार्टी के मंच से ही जनसभा को सम्बोधित किया था. इस पार्टी में वह रोती हुई भी दिख रही है और मंच पर उसके दोनों बेटे उसे घेर कर खड़े हैं. जनसभा में वह लेटर को शुरू करने से पहले भावुक होकर कहती है कि मुझे जरूरत नहीं होती आप सभी के सामने आने की, अगर आप सभी के भाई यहां पर होते या वालिद होते. इसके बाद वह रो पड़ती है. फिर वह बताती है कि यह लेटर आपके भाई ने जेल से भेजा है और इसे मुझे ही पढ़ने को कहा है.
इसलिए इसे आपके सामने पढ़ रही हूं. इसके बाद वह तमाम बाते कहने के बाद सपा पर निशाना साधती है, जैसा कि लेटर में लिखा था, वह आरोप लगाते हुए कहती है कि, अखिलेश की वजह से ही अतीक जेल गए थे. इतना ही नहीं, जो जमीन सरकार ने जब्त की थी, उसकी इजाजत भी सपा सरकार ने ही दी थी. इसी के साथ कहती है कि सपा को कोई कौशाम्बी, प्रतापगढ़ और इलाहाबाद (अब प्रयागराज) में कोई जानता तक नहीं था. धीरे-धीरे सपा को पूरे मंडल में मजबूत कर दिया, लेकिन उन्होंने बदले में हमे क्या दिया. इसके बाद वह बसपा पर भी आरोप लगाती है. इसके बाद लेटर पढ़ते हुए ओवैसी को सपोर्ट करने की बात कहती है और दावा करती है कि ऐसा उन लोगों के भाई (अतीक अहमद) ने कहा है. यह वीडियो 2021 का बताया जा रहा है.
शाइस्ता ने लेटर पढ़ते हुए कही थी ये बातें
अतीक के लेटर पढ़ते हुए शाइस्ता कहती है कि, “मुझे (अतीक) जेल किसने भेजा? अखिलेश यादव जी ने. मायावती जी और भाजपा के टाइम में गैंगेस्टर की जो कार्रवाई हुई थी और मेरी सम्पत्ति जब्त हुई थी. उसके लिए मैं पांच साल तक अखिलेश जी के पास दौड़ता रहा, लेकिन मेरी सम्पत्ति भी नहीं मिली और यही वजह थी कि मेरी पेंशन का पैसा भी बंद रहा. मैं निर्दलीय होते हुए भी मुलायम सिंह जी के साथ खड़ा रहा. उन्होंने हल्ला बोल का जब आह्वान किया था, जब सैकड़ों बसे और घोड़े लेकर शामिल हुआ था. उनको कौशाम्बी, प्रतापगढ़ और इलाहाबाद (अब प्रयागराज) में कोई जानता तक नहीं था. धीरे-धीरे सपा को पूरे मंडल में मजबूत कर दिया.”
बता दें कि उमेश पाल हत्याकांड मामले में शाइस्ता फरार चल रही है. उसकी तलाश में पुलिस संदिग्ध ठिकानों पर छापामारी की जा रही है, लेकिन घटना (24 फरवरी) के बाद से लेकर अब तक वह पुलिस के हाथ नहीं लगी है. जबकि इसी बीच उसके बेटे असद सहित कई गुर्गे एनकाउंटर में ढेर हो चुके हैं और उसके पति अतीक और देवर अशरफ को बदमाशों ने ढेर कर दिया था. फिलहाल इस मामले कि अलग जांच चल रही है. माफिया ब्रदर्स के हत्यारों से पुलिस पूछताछ कर रही है.
-भारत एक्सप्रेस
इस तरह की अन्य खबरें पढ़ने के लिए भारत एक्सप्रेस न्यूज़ ऐप डाउनलोड करें.