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घोसी में कौन कितना भारी और कौन कितना प्रभावी? जानिए

चुनावी परिणाम समाजवादी पार्टी के पक्ष में आने के बाद जहां भारतीय जनता पार्टी के लोगों का कहना है कि हार की समीक्षा करेंगे वहीं सपा से जुड़े लोग इसे जनता की जीत मान रहे हैं.

Ghosi Bypoll

दारा सिंह चौहान व सुधाकर सिंह

UP Politics: राजनीति शब्द में हर कदम पर जहां राज छुपा होता है, वहीं सियासी लोग हर एक कदम सियासत को देखकर रखते हैं. हाल ही में उत्तर प्रदेश के 354 घोसी विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव हुआ है जिसके चुनावी नतीजे ने यूपी के साथ-साथ देश के सियासी माहौल को बदलने का सन्देश दिया है.

उत्तर प्रदेश के घोसी विधानसभा क्षेत्र में तकरीबन 4 लाख 30 हजार मतदाता हैं जिसमें मुस्लिम, दलित और भूमिहार सर्वाधिक हैं और सबसे प्रभावी हैं. घोसी विधानसभा क्षेत्र में तक़रीबन 9500 बनिया, सिंधी 800, मुसहर 900, कुम्हार 1200, नाई 1300, लाला 1600, गोंड/खरवार 3500, ब्राम्हण 4100, खटीक 4200, दुसाध 5400, कुर्मी 5700, कोइरी 6200, राजपूत 15000, निषाद 16000, लोनिया 36000, राजभर 40000, यादव 42000, भूमिहार 48400, दलित 62300, और मुसलमान मतदाता 60000 तथा अन्य मतदाता लगभग 70000 के करीब हैं जो घोसी विधानसभा क्षेत्र की सियासत को तय करने में प्रमुख भूमिका निभाते हैं.

घोसी विधानसभा क्षेत्र से सबसे अधिक बार लगातार विधायक बनने का रिकॉर्ड झारखंडे राय और फागू चौहान के नाम पर दर्ज है.

घोसी विधानसभा उपचुनाव में समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी सुधाकर सिंह ने 124427 मत प्राप्त करके भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी दारा सिंह चौहान को 42759 मतों से पराजित किया. दारा सिंह चौहान को 81668, पीस पार्टी के प्रत्याशी सनाउल्लाह को 2570, जन अधिकार पार्टी के प्रत्याशी अफरोज आलम ने 2100, निर्दलीय प्रत्याशी विनय कुमार ने 1406, निर्दलीय प्रत्याशी प्रवेन्द्र प्रताप सिंह ने 1223, निर्दलीय प्रत्याशी रमेश पाण्डेय ने 839, जनता क्रांति पार्टी राष्ट्रवादी के प्रत्याशी मुन्नीलाल चौहान ने 606, जन राज्य पार्टी के प्रत्याशी सुनील चौहान ने 541, आम जनता पार्टी सोशलिस्ट के प्रत्याशी राजकुमार चौहान ने 466 और नोटा को 1725 मत मिले.

घोसी विधानसभा उपचुनाव की लड़ाई सीधे तौर पर भाजपा और सपा के बीच में थी, जो चुनाव के करीब आते ही स्थानीय मुद्दों और स्थानीय बनाम बाहरी पर आधारित हो गया.

घोसी विधानसभा उपचुनाव में समाजवादी पार्टी की तरफ से अखिलेश यादव ने जनसभा की तो वहीं रामगोपाल यादव, नरेश उत्तम पटेल भी क्षेत्र में घूमते नज़र आये तो वहीं शिवपाल सिंह यादव और राजीव राय अन्त तक चुनावी समर में समाजवादी पार्टी की विजय कराने के लिए डटे रहे. डेढ़ दशक से घोसी लोकसभा क्षेत्र में सक्रिय राजीव राय ने घोसी उपचुनाव को अपने प्रतिष्ठा से जोड़कर लोगों से समाजवादी पार्टी के पक्ष में मतदान करने की अपील की जिसका लाभ समाजवादी पार्टी को हर वर्ग में साफ तौर पर मिलते दिखा.

बीजेपी ने लगा दी थी पूरी ताकत

वहीं भारतीय जनता पार्टी ने चुनाव को अपने पक्ष में करने के लिए 40 स्टार प्रचारकों को चुनावी मैदान में उतार दिया. खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी जनसभा की. उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, ब्रजेश पाठक कई दिन तक क्षेत्र कैम्प किये और दर्जनों मंत्री गांव – गांव घूमकर भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी के लिए वोट मांगते नज़र आये. घोसी विधानसभा क्षेत्र में उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री ए के शर्मा के अलावा भारतीय जनता पार्टी का कोई मंत्री प्रभावी नहीं साबित हो पाया, उसकी वजह ए के शर्मा का स्थानीय होने के साथ-साथ सर्वसुलभ होना भी था. स्थानीय लोग यह कहने नज़र आये कि हम एके शर्मा की वजह से भारतीय जनता पार्टी को वोट दे रहे हैं न की प्रत्याशी की वजह से.

समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी सुधाकर सिंह को मुस्लिम, यादव के साथ – साथ राजपूत जाति का पूरी तरह समर्थन मिला जिसकी पुष्टि बूथवार चुनावी नतीजे करते हैं, वहीं ब्राह्मण जाति के कुछ बूथों पर निर्दलीय प्रत्याशी रमेश पाण्डेय तो कुछ पर सुधाकर सिंह आगे रहे . कई जातियों के मिश्रित बूथों पर दारा भी आगे रहे. जब मतगणना की शुरुआत हुई तभी से समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी सुधाकर सिंह बढ़त बनाते दिखे और जैसे – जैसे मतगणना बढ़ती गई वैसे – वैसे सुधाकर सिंह की बढ़त बढ़ती चली गई. राजभर, चौहान और निषाद जाति के बाहुल्य बूथों पर समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी को मिली बढ़त ने सबको हैरान करके रख दिया.

चुनावी परिणाम समाजवादी पार्टी के पक्ष में आने के बाद जहां भारतीय जनता पार्टी के लोगों का कहना है कि हार की समीक्षा करेंगे वहीं समाजवादी पार्टी से जुड़े लोग इसे जनता की जीत मान रहे हैं.

-भारत एक्सप्रेस

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