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रावण के 10 सिर किसके हैं प्रतीक, जानिए मरने से पहले लक्ष्मण को कौन से दिए थे 3 उपदेश ?

रावण के 10 सिर किसके हैं प्रतीक, जानिए मरने से पहले लक्ष्मण को कौन से दिए थे 3 उपदेश ?

जब रावण ने दिेए थे लक्ष्मण को जीवन के 3 बड़े उपदेश

देश में हर तरफ आज दशहरा की धूम है. यह खास दिन बुराई पर अच्छाई की जीत और अन्याय पर न्याय की जीत का है. हिंदू ग्रंथों के अनुसार आज के दिन भगवान श्रीराम ने 10 सर वाले रावण का वध करके पृथ्वी से बुराई का अंत किया था. इसी दिन भगवान राम ने अपनी वानर सेना के साथ मां सीता को लंका से मुक्त कराया था. लंकापति रावण हठी था, चरित्रहीन था, पापी था लेकिन वो भगवान शिव का सबसे बड़ा भक्त होने के साथ ही  महाज्ञानी भी था.  इसलिए जब भगवान श्रीराम ने उसका वध किया तो उसके प्राण त्यागने  से पहले लक्ष्मण को उसके पास भेजकर ज्ञान लेने को कहा था. इस पर रावण ने लक्षमण को 3 उपदेश दिए थे जो आज के कलयुग में बहुत महत्व रखते हैं.

लक्ष्मण को दिए गए रावण के उपदेश

1- शुभ कार्य को तुरंत करो

रावण ने अपने अंतिम समय में लक्ष्मण को 3 उपदेश दिए थे. रावण ने लक्ष्मण को बताया कि हमेशा शुभ काम को पहले करना चाहिए क्योंकि जीवन का कोई भरोसा नहीं होता यह कब हमसे छीन जाए. इसलिए अपने तय कार्यों में उनकों पहले महत्व देना चाहिए जो शुभ हो क्योकि अगर हम बुरे कार्यों में उलझे रहेंगे तो शुभ कार्य कभी नहीं कर पाएंगे और हमारा जीवन समाप्त हो जाएगा. बुरे कार्यों को जितना टाला जाए उतना अच्छा है.

2- शत्रु और रोग कभी छोटे नहीं होते

रावण ने अपने अंतिम समय में लक्ष्मण को दूसरा उपदेश देते हुए कहा था कि कभी भी अपने शत्रु और रोग को छोटा नहीं समझना चाहिए. यह मनुष्य की सबसे बड़ी भूल है. आप जिसको छोटा समझकर अनदेखा करते हो वही आपके काल का कारण बनता है. रावण ने भी भगवान श्रीराम की वानर सेना को अपने साहस औऱ बल के आगे छोटा समझा था जिसका परिणाम उसे मृत्यु स्वरुप भुगतना पड़ा

3- राज को गुप्त ही रहना चाहिए

रावण ने लक्ष्मण को तीसरा औऱ आखिरी उपदेश देते हुए कहा था कि, कभी भी अपने राज को दूसरे को नहीं बताना चाहिए यथासंभव इसे गुप्त ही रखना चाहिए. नहीं तो यह आपके विनाश का कारण बनता है. ठीक ऐसा ही रावण के साथ हुआ था. उसने अपने भाई विभीषण को अपने नाभि में अमृत कुंड होने के रहस्य को बताया था. जिसे विभीषण ने भगवान राम को युद्द के दौरान बताया था और उन्होंने रावण के अमृत  कुंड तीर मारकर उसका वध किया था.

रावण के 10 सिर इन बुराइयों के प्रतीक

1- काम का प्रतीक

2- क्रोध का प्रतीक

3- लोभ का प्रतीक

4- मोह का प्रतीक

5- गौरव का प्रतीक

6- ईर्ष्या का प्रतीक

7- मन का प्रतीक

8- ज्ञान का प्रतीक

9- चित्त का प्रतीक

10- अहंकार का प्रतीक

 

-भारत एक्सप्रेस

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