Cash for Query Scam ( महुआ मोइत्रा)
Also got message about impending CBI raid. I am busy with Durga Puja. I invite CBI to come home & count my pairs of shoes. But first please file FiR into ₹13,000 crore coal money Adani stole from Indians.
— Mahua Moitra (@MahuaMoitra) October 21, 2023
निशिकांत दुबे ने महुआ पर लगाए आरोप
बता दें कि महुआ मोइत्रा पर भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने संसद में सवाल के बदले पैसा और गिफ्ट्स लेने का आरोप लगाया है. यह मामला फिलहाल संसद के एथिक्स कमेटी के पास है. वहीं रियल एस्टेट कारोबारी दर्शन हीरानंदानी “कैश फॉर क्वेरी” विवाद में सरकारी गवाह बन गए हैं. उन्होंने महुआ पर कई संगीन आरोप लगाए हैं. दावा किया जा रहा है कि उन्होंने एक हलफनामा भी एथिक्स कमेटी के पास भेजा है. हालांकि, एथिक्स कमेटी का कहना है कि हीरानंदानी के नाम से अभी तक कोई भी पत्र नहीं आया है.
महुआ ने हीरानंदानी के हलफनामे का दिया जवाब
वहीं महुआ ने दर्शन हीरानंदानी के कथित हलफनामे का जवाब दिया है. उन्होंने भाजपा पर फंसाने का आरोप लगाया है. महुआ ने हलफनामे के कंटेंट पर भी सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि दर्शन हीरानंदानी को अभी तक सीबीआई या एथिक्स कमेटी या वास्तव में किसी भी जांच एजेंसी ने तलब नहीं किया है. फिर उन्होंने यह शपथ पत्र किसे दिया है? महुआ ने कहा कि हलफनामा कोरे कागज पर है, न कि आधिकारिक लेटरहेड या नोटरीकृत पर. उन्होंने कहा कि कोई बड़े कारोबारी इस तरह के पत्र पर हस्ताक्षर क्यों करेगा जब तक कि ऐसा करने के लिए उसके सिर पर बंदूक नहीं रखी गई हो? महुआ ने आगे कहा कि पत्र का कंटेंट एक मजाक है. यह स्पष्ट रूप से पीएमओ में कुछ आधे-अधूरे लोगों द्वारा तैयार किया गया है जो भाजपा के आईटी सेल में काम करते हैं.
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बता दें कि वहीं बिजनेस टाइकून दर्शन हीरानंदानी ने कहा कि उन्होंने खुद अडानी ग्रुप पर सवाल उठाने के लिए टीएमसी सांसद के लॉगिन क्रेडेंशियल का इस्तेमाल किया. हीरानंदानी ग्रुप के सीईओ दर्शन हीरानंदानी ने आरोप लगाया है कि टीएमसी सांसद महुआ पीएम मोदी को बदनाम करना चाहती थीं. इसलिए उन्होंने संसद में पूछे गए सवालों के जरिए गौतम अडानी को निशाना बनाया. इस मामले में हीरानंदानी का एक हलफनामा भी वायरल हो रहा है.
दर्शन ने कहा कि वह कई मौकों पर मोइत्रा से मिले. उन्होंने कहा कि हम अक्सर फोन पर बातचीत करते थे. महुआ ने मुझे एक ईमेल आईडी दिया था. ताकि मैं उन्हें जानकारी भेज सकूं और वह संसद में सवाल उठा सकें. मैं उनके प्रस्ताव के साथ गया. कुछ जानकारी मेरे साथ साझा की गई, जिसके आधार पर मैंने जरूरत पड़ने पर उनके संसदीय लॉगिन का उपयोग करके प्रश्नों का मसौदा तैयार करना और पोस्ट करना जारी रखा.
-भारत एक्सप्रेस