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केरल के 2600 से अधिक मंदिरों में अरली के फूल पर लगा प्रतिबंध, ये है मुख्य वजह

Oleander ban Kerala: त्रावणकोर देवोस्वाम बोर्ड (TDB) के अध्यक्ष पीएस प्रशांथ ने कहा कि मीटिंग के बाद राज्य के मंदिरों में अरली (ओलियंडर) के फूल को लेकर अहम फैसला लिया गया है.

Oleander

अरली (ओलियंडर)

Oleander Ban Kerala Temples: केरल के 2600 से अधिक मंदिरों में पूजा-पाठ में इस्तेमाल किए जाने वाले अरली (ओलियंडर) के फूल पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. राज्य में मंदिर का संचालन करने वाले त्रावणकोर देवास्वोम बोर्ड (TDB) ने अरली के फूल को लेकर महत्वपूर्ण फैसला लिया है.

बोर्ड ने यह फैसला इसलिए लिया है, क्योंकि इसमें कार्डियक ग्लाइकोसाइड्स नामक जहरीला रसायन मौजूद होता है, जो कि दिल को गहरा नुकसान पहुंचा सकता है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बीते दिनों अरली के पत्ते के जहर से एक महिला की मौत हो गई थी.

केरल में ओलियंडर पर क्यों लगा प्रतिबंध

बोर्ड के अध्यक्ष पीएस प्रशांथ ने कहा कि एक मीटिंग के बाद यह अहम फैसला लिया गया है. जानकारी रहे कि त्रावणकोर में टीडीबी के जिम्मे 1,248 मंदिरों के प्रशासन का काम है. इसके अलावा 1,400 मंदिरों की व्यवस्था का काम भी है. बोर्ड के जिम्मे 2600 से अधिक मंदिर आते हैं, जिसमें अरली (ओलियंडर) के फूल पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगा दिया गया है. इस बारे में एमबीडी के अध्यक्ष (एमआर मुरली) ने बताया कि लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यह अहम फैसला लिया गया है.

अरली के फूल को लेकर क्या है वैज्ञानिकों की राय

अरली (ओलियंडर) एक प्रकार का फूल है, जिसमें टॉक्सिक कार्डियक ग्लाइकोसाइड्स रसायन मौजूद होता है. जिसके सेवन से जान जा सकती है. अरली में मौजूद ग्लाइकोसाइड दिल पर बुरा प्रभाव डालते हैं. इतना ही नहीं, यह रसायन हृदय की गति को धीमा कर सकता है.

-भारत एक्सप्रेस

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