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आंबेडकर को लेकर बयान पर Amit Shah का पलटवार- मेरे इस्तीफे से Congress को कोई फायदा नहीं होगा

राज्यसभा में अमित शाह की यह टिप्पणी कि आंबेडकर का नाम लेना इन दिनों एक ‘फैशन’ बन गया है, ने जोरदार बहस को जन्म दे दिया है. कांग्रेस ने शाह पर बाबा साहब के अपमान का आरोप लगाया है.

अमित शाह.

संसद में ‘एक राष्ट्र एक चुनाव’ विधेयक पेश करने के दौरान बीआर आंबेडकर (BR Ambedkar) पर अपनी टिप्पणी को लेकर मचे बवाल के बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस पर पलटवार किया है. शाह पहले ही कांग्रेस पर अपनी टिप्पणी को तोड़-मरोड़ कर पेश करने का आरोप लगा चुके हैं और बुधवार शाम भाजपा मुख्यालय में उन्होंने कांग्रेस का मजाक उड़ाते हुए कहा कि उनके इस्तीफे से ग्रैंड ओल्ड पार्टी को कोई मदद नहीं मिलेगी.

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कांग्रेस पार्टी और गांधी परिवार पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के नेताओं ने कई बार खुद को भारत रत्न दिया, लेक‍िन बाबा साहब आंबेडकर को भारत रत्‍न न म‍िले, इसका पूरा प्रयास क‍िया.

आंबेडकर को भारत रत्न नहीं दिया

अमित शाह ने कहा, ‘जब संसद में चर्चा चल रही थी, तो यह साबित हो गया कि कांग्रेस ने किस तरह बाबा साहब आंबेडकर का विरोध किया. किस तरह कांग्रेस ने बाबा साहब की मृत्यु के बाद भी उनका मजाक उड़ाने की कोशिश की. जहां तक भारत रत्न देने की बात है, कांग्रेस के नेताओं ने कई बार खुद को भारत रत्न दिया है. नेहरू ने 1955 में खुद को भारत रत्न दिया, इंदिरा गांधी ने 1971 में खुद को भारत रत्न दिया और बाबा साहब को 1990 में तब भारत रत्न मिला, जब कांग्रेस पार्टी सत्ता में नहीं थी और भारतीय जनता पार्टी द्वारा समर्थित सरकार थी. 1990 तक कांग्रेस बाबा साहब को भारत रत्न न मिले, इसके लिए प्रयास करती रही. यहां तक कि बाबा साहब की 100वीं जयंती को मनाने की मनाही कर दी गई. आंबेडकर के प्रति नेहरू की नफरत जगजाहिर है.’

मेरा इस्तीफा काम नहीं आएगा: शाह


दिल्ली में संवाददाताओं से बातचीत में शाह ने कहा, ‘मल्लिकार्जुन खड़गे मेरा इस्तीफा मांग रहे हैं. अगर उन्हें खुशी होगी तो मैं इस्तीफा दे दूंगा, लेकिन कांग्रेस को कम से कम 15 साल और उसी स्थिति में बैठना है, जहां वे अभी हैं. मेरा इस्तीफा काम नहीं आएगा.’

अमित शाह ने कहा, ‘मैं कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे जी से भी ये कहना चाहता हूं कि आपको कांग्रेस के इस कुत्सित प्रयास का समर्थन नहीं करना चाहिए था. मुझे बहुत दुख है कि राहुल गांधी के दबाव में आप भी इसमें शामिल हो गए हैं. हम जानते हैं कि देश के संविधान को समावेशी बनाने में, दलितों, आदिवासियों, वंचितों, गरीबों को न्याय दिलाने में और देश में लोकतंत्र की नींव को गहरा करने में बाबा साहेब का बहुत बड़ा योगदान है. पूरा देश बाबा साहेब के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करता है.’

आंबेडकर का कोई स्मारक नहीं बना

उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस ने फिर एक बार अपनी पुरानी पद्धति को अपनाकर, बातों को तोड़-मरोड़कर और सत्य को असत्य के कपड़े पहनाकर समाज में भ्रांति फैलाने का एक कुत्सित प्रयास किया है. संसद में चर्चा के दौरान ये सिद्ध हो गया कि बाबा साहब आंबेडकर का कांग्रेस ने किस तरह विरोध किया था. बाबा साहब के न रहने के बाद भी किस प्रकार से कांग्रेस ने उन्हें हाशिये पर धकेलने का प्रयास किया.’

केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा, ‘कांग्रेस पार्टी के कार्यकाल में बाबा साहब आंबेडकर का कोई स्मारक नहीं बना. जब दूसरी पार्टियां सत्ता में आईं, तो उन्होंने स्मारक बनवा दिया. पीएम मोदी के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार ने बाबा साहब आंबेडकर की याद में पंचतीर्थ विकसित किया.’

तोड़-मरोड़ कर पेश किया बयान


अमित शाह ने AI (Artificial Intelligence) का जिक्र करते हुए कहा, ‘मेरे बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया. पहले उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी के एडिट बयानों को सार्वजनिक किया. जब चुनाव चल रहे थे, तो मेरे बयान को AI का इस्तेमाल करके एडिट किया गया और आज वे मेरे बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश कर रहे हैं. मैं मीडिया से भी अनुरोध करना चाहता हूं कि वे मेरा पूरा बयान जनता के सामने रखें. मैं एक ऐसी पार्टी से हूं, जो कभी भी आंबेडकर जी का अपमान नहीं कर सकती. पहले जनसंघ और फिर भारतीय जनता पार्टी ने हमेशा आंबेडकर के सिद्धांतों पर चलने की कोशिश की है.’

उन्होंने आगे कहा, ‘जब भी भारतीय जनता पार्टी सत्ता में रही है, हमने आंबेडकर के सिद्धांतों का प्रचार-प्रसार किया है. भाजपा ने आरक्षण को मजबूत करने का काम किया है.’ कानूनी कार्रवाई को लेकर उन्होंने कहा, ‘भाजपा सभी कानूनी विकल्पों पर विचार करेगी. संसद के अंदर और बाहर जो भी कानूनी कार्रवाई की जा सकती है, सभी संभावनाओं पर विचार किया जाएगा.’

अमित शाह ने क्या कहा था

संविधान पर चर्चा के दौरान मंगलवार 17 दिसंबर को राज्यसभा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी भाषण दिया था. शाह की यह टिप्पणी कि आंबेडकर का नाम लेना इन दिनों एक ‘फैशन’ बन गया है, ने संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान विपक्ष द्वारा जोरदार हमला किए जाने के साथ ही एक बड़े विवाद को जन्म दे दिया है.

कांग्रेस का दावा है कि अमित शाह ने बाबा साहब का अपमान किया है. इसके खिलाफ कांग्रेस ने कई राज्यों में विरोध प्रदर्शन भी किया है. राष्ट्रीय राजधानी में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कहा कि अगर अमित शाह वास्तव में आंबेडकर का सम्मान करते हैं तो उन्हें आधी रात तक बर्खास्त कर देना चाहिए.

खड़गे ने कहा था, ‘हम मांग करते हैं कि अमित शाह को माफी मांगनी चाहिए और अगर पीएम मोदी को डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर पर भरोसा है तो उन्हें आधी रात तक बर्खास्त कर देना चाहिए. उन्हें कैबिनेट में बने रहने का कोई अधिकार नहीं है, उन्हें बर्खास्त किया जाना चाहिए तभी लोग चुप रहेंगे, अन्यथा लोग विरोध करेंगे. लोग डॉ. बीआर आंबेडकर के लिए अपनी जान कुर्बान करने के लिए तैयार हैं.’

-भारत एक्सप्रेस



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