राफेल व पनडुब्बी (फोटो- प्रतीकात्मक)
Rafale Deal: पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के फ्रांस दौरे पर 26 राफेल-एम लड़ाकू विमान (Rafale fighter Jet) और तीन स्कॉर्पीन पनडुब्बियों की डील को लेकर औपचारिक ऐलान की उम्मीद जताई जा रही थी. हालांकि ऐसा हुआ नहीं. इस डील को लेकर सूत्रों के हवाले से खबर आ रही है कि फ्रांस से 26 राफेल-एम लड़ाकू विमान और तीन स्कॉर्पीन पनडुब्बियों की प्रस्तावित खरीद से संबंधित लागत और तकनीकी-वाणिज्यिक विवरण पर बातचीत अभी पूरी नहीं हुई है.
रक्षा खरीद परिषद ने 13 जुलाई को फ्रांस से राफेल लड़ाकू विमानों के 26 नौसैनिक प्रारूपों और तीन स्कॉर्पीन पनडुब्बियों की खरीद के प्रस्तावों को मंजूरी दी थी, जिस दिन पीएम नरेन्द्र मोदी ने दो दिवसीय पेरिस यात्रा शुरू की थी. इसके बाद ऐसा अनुमान था कि उनकी इस यात्रा के दौरान इस डील की औपचारिक घोषणा हो जाएगी. हालांकि, दोनों पक्षों द्वारा जारी अंतिम संयुक्त दस्तावेज में दोनों प्रोजेक्ट का कोई खास जिक्र नहीं था.
सूत्रों के मुताबिक पीएम मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों के बीच बातचीत के बाद दोनों पक्षों द्वारा लाए गए 25 साल के रोडमैप में दोनों प्रोजेक्ट्स का जिक्र नहीं होने के अलग मायने नहीं निकाले जाने चाहिए. लागत और तकनीकी-वाणिज्यिक पहलुओं पर बातचीत पूरी होने के बाद डील पर मुहर लगेगी.
कहां फंसी है डील?
रिपोर्ट्स के मुताबिक भारत के सार्वजनिक क्षेत्र के पोत निर्माता उपक्रम- मझगांव डॉक लिमिटेड (एमडीएल) और फ्रांसीसी रक्षा विनिर्माता नेवल ग्रुप ने स्कॉर्पीन पनडुब्बी प्रोजेक्ट के लिए 6 जुलाई को रूपरेखा समझौते को अंतिम रूप दिया था, लेकिन कीमत और अन्य तकनीकी पहलुओं पर अभी बातचीत नहीं हुई है.
ये भी पढ़ें: टोक्यो में सावन के महीने में 82 किमी लंबी कांवर यात्रा, बिहार के सुल्तानगंज से ले जाया गया था गंगाजल
फ्रांसीसी रक्षा उपकरण विनिर्माता कंपनी साफरान द्वारा भारत में एक लड़ाकू विमान के इंजन के सह-विकास के लिए दोनों पक्षों के निर्णय के संबंध में सूत्रों ने कहा कि यह भारतीय सशस्त्र बलों की आवश्यकता पर आधारित होगा. उन्होंने कहा कि जीई एयरोस्पेस के मौजूदा एफ-414 इंजन का सह-उत्पादन भारत में होगा, वहीं साफरान के साथ इसका सह-विकास भारत की जरूरत पर निर्भर करेगा. उन्होंने कहा कि यह पूरी तरह नया इंजन होगा.
-भारत एक्सप्रेस