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योगी सरकार ने वॉटरशेड कमेटी का बदला नाम, अब जलागम समिति जल संरक्षण और भूमि प्रबंधन को देगी नई दिशा

उत्तर प्रदेश सरकार ने जल संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए गांव-गांव में वॉटरशेड कमेटी का गठन किया है, जिसे अब ‘जलागम समिति’ के नाम से जाना जाएगा. यह समिति ग्राम प्रधान की अध्यक्षता में जल और भूमि प्रबंधन की योजनाएं लागू करेगी.

Yogi Adityanath
Edited by Akansha

लखनऊ, 3 जुलाई: योगी सरकार ने जल संरक्षण और भूमि प्रबंधन की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया है. सीएम योगी ने जल संसाधन के समुचित संरक्षण, प्रबंधन और विकास के लिए ग्रामीण स्तर पर वॉटरशेड कमेटी (Watershed Committee)का गठन किया है. योगी सरकार ने प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना 2.0 परियोजना की गाइड लाइन के अनुसार ग्राम प्रधान की अध्यक्षता में ग्राम पंचायत स्तर पर वॉरटशेट कमेटी का गठन किया है.

ग्रामीणों को योजना से जोड़ने के लिए कमेटी का किया गया गठन

परती भूमि विकास विभाग की प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना 2.0 के राज्य स्तरीय नोडल एजेंसी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जीएस नवीन ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लंबे समय से जल संरक्षण और प्राकृतिक संसाधनों के संवर्धन को प्राथमिकता दे रही है. इसी के तहत योगी सरकार ने पिछले आठ वर्षों में हर खेत को पानी पहुंचाने के उद्​देश्य से ‘पर ड्रॉप मोर क्रॉप’ और ‘कैच द रेन’ जैसी योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के साथ हजारों चेक डैम, जलाशय और तालाबों का निर्माण कराया है. ऐसे में योगी सरकार ने ग्रामीण स्तर पर जल संरक्षण की दिशा में कदम उठाते हुए वॉटरशेड कमेटी का गठन किया है. इसके साथ वॉटरशेड कमेटी का नाम स्थानीय भाषा और पहचान को ध्यान में रखते हुए ‘जलागम समिति’ (Jalagam Samiti)कर दिया गया है. इसका उद्​देश्य ग्रामीण परिवेश के लोगों को योजना की अवधारणा से सहज रूप से जोड़ना है.

अब जलागम समिति के नाम से जानी जाएगी वॉटरशेड कमेटी

मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने बताया कि नई समिति का नेतृत्व ग्राम प्रधान करेंगे, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि स्थानीय जरूरतों और प्राथमिकताओं के अनुरूप कार्य योजना बनाई जाए. समिति में पंचायती राज संस्थानों की सहभागिता, विभिन्न विभागों के समन्वय और समुदाय की भागीदारी से जल संरक्षण व भूमि सुधार की योजनाओं को लागू किया जाएगा. ऐसे में भविष्य में सभी विभाग, जिला स्तरीय अधिकारी और अन्य हितधारक वॉटरशेड कमेटी के स्थान पर जलागम समिति नाम का प्रयोग करेंगे. साथ ही सभी पत्राचार और दस्तावेजों में इसी नाम का उपयोग किया जाएगा. संबंधित अधिकारियों को इस परिवर्तन के अनुरूप आवश्यक संशोधन और निर्देश देने को कहा गया है.

-भारत एक्सप्रेस 



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