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बरेली में मदरसों की हकीकत जानकर चौंक जाएंगे, सवा सौ से अधिक की नहीं है मान्यता

बरेली में सर्वे में सामने आई हकीकत, बिना मान्यता के चल रहे सवा सौ से अधिक मदरसे

बरेली में सामने आई मदरसों की हकीकत

उत्तर प्रदेश सरकार मदरसों का सर्वे करा रही है जिनमें मान्यता प्राप्त और गैर मान्यता प्राप्त मदरसे शामिल हैं.लेकिन सर्वे का काम जैसे -जैसे आगे बढ़ रहा है ,वैसे -वैसे चौंकाने वाली जानकारियां सामने आ रही हैं.अब बरेली जनपद की बात करें तो जिले की पांच तहसील क्षेत्रों में 122 से ज्यादा मदरसे बिना मान्यता के संचालित हो रहे हैं. यह पोल अल्पसंख्यक विभाग और जिला प्रशासन की टीम की ओर से कराए गए सर्वे में खुल गई है. सर्वे में शासन के निर्देश पर गठित की गई टीमों ने 10 अक्टूबर तक किये सर्वे में यह रिपोर्ट तैयार की है, जिसे शासन को भेजा जाएगा. अब सर्वे की तारीख को 20 अक्टूबर तक बढ़ा दिया गया है.

शासन के मुताबिक 12 सितंबर से जिले भर के मदरसों का सर्वे शुरू होना था. इसके लिए जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी, BSA के साथ ही संबंधित तहसील के SDM को टीम में शामिल किया गया था. सर्वे करने वाली टीमों को मीरगंज तहसील 12 मदरसे, सदर तहसील में 43, बहेड़ी तहसील में 37, आंवला में 21 और फरीदपुर तहसील में 9 मदरसे बिना मान्यता के संचालित हो रहे थे.

शासन को भेजी जाएगी रिपोर्ट

जबकि अब तक नवाबगंज तहसील की ओर से डाटा जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी कार्यालय में नहीं भेजा गया है. अब यह रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी. शासन के निर्देश पर गठित सर्वे करने वाली टीमों को मदरसे का नाम, मदरसा का संचालन करने वाली संस्था का नाम, स्थापना का वर्ष और मदरसे के भवन के बारे में पूरी जानकारी करनी थी.

सर्वे के काम में तेजी

शासन के निर्देश के अनुसार 12 सितंबर से जिले भर के मदरसों का सर्वे शुरू होना था. इसके लिए जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी, BSA के साथ ही संबंधित तहसील के SDM को टीम में शामिल किया गया था.  सर्वे करने वाली टीमों को मीरगंज तहसील में 12 मदरसे हैं. सदर तहसील में 43 मदरसे हैं.  बहेड़ी तहसील में 37 मदरसे हैं. आंवला में 21 और फरीदपुर तहसील में नौ मदरसे हैं. ये मदरसे बिना मान्यता के संचालित हो रहे थे.

मदरसा संचालकों से पूछताछ

मदरसे में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं के लिए भवन, पेयजल, फर्नीचर, बिजली आपूर्ति, शौचालय आदि की व्यवस्था की जांच भी की गई. यही नहीं, मदरसे में शिक्षकों की संख्या और लागू किए गए पाठ्यक्रम, मदरसे की आय के स्रोत के बारे में भी टीमों ने मदरसा संचालकों से पूछताछ की.

मदरसे में पढ़ने वाले छात्र किसी स्कूल और कालेज में नामांकित हैं या नहीं, इसकी जानकारी जुटाने के साथ ही मदरसा किसी गैर सरकारी समूह या संस्था से संबद्ध है तो उसका भी विवरण जुटाया गया.

-भारत एक्सप्रेस



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