छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि राज्य सरकार प्रदेश में ग्रामीण और पारंपरिक खेलों को बढ़ावा देने के लिए ग्रामीण ओलंपिक आयोजित करने के विषय में विचार कर रही है। राज्य सरकार की मंशा है कि इस आयोजन में बच्चे से लेकर युवा और बुजुर्ग सभी आयु वर्ग के लोग शामिल हों, जिससे गांव-गांव में खेलों के प्रति एक अच्छा वातावरण बना रहे। राजधानी में ‘खेलगढ़-छत्तीसगढ़, खेलबो, जीतबो, गढ़बो नवा छत्तीसगढ़’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि प्रदेश में खेल अकादमियों की स्थापना की जा रही है। खेलों को बढ़ावा दिया जा रहा है।साथ ही उद्योगों को खेलों से जोड़ा जा रहा है। खिलाड़ियों को सुविधा मुहैया कराने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार ठोस कदम उठा रही है।जिससे प्रदेश में खेल के प्रति लोग जागरूक हो रहें हैं।
उन्होंने कहा कि मोबाइल के आने से बच्चे पारंपरिक खेलों और खेल मैदानों से दूर होते जा रहे हैं। खेलों का बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास के साथ-साथ उनके व्यक्तित्व निर्माण में भी बहुत महत्वपूर्ण योगदान होता है। यदि बड़े और बुजुर्ग बच्चों में खेलों के प्रति रुचि पैदा करें और उन्हें स्थानीय स्तर पर बेहतर सुविधाएं दिलाने का प्रयास करें, तो बच्चों में खेलों के प्रति जुनून की भावना उत्पन्न होगी, जो उन्हें काफी आगे तक ले जाने में सहायक होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ के लोग अभावों में भी मनोरंजन के साधन जुटा लेते हैं। छत की टूटी खपरैल से पिट्ठुल बनाकर और घर के रद्दी कपड़े से गेंद बनाकर खेल और मनोरंजन का साधन जुटा लेते हैं। राज्य सरकार खेलों को प्रोत्साहन करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। जिससे खेलों के क्षेत्र में हमारे बच्चों को आगे बढ़ने के अच्छे अवसर मिल सकें।
उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के बच्चों में खेल प्रतिभा की कमी नहीं है जरूरत उन्हें एक अच्छा मंच दिलाने, उनके लिए बेहतर प्रशिक्षण और कोच की व्यवस्था करने की है। साथ ही खिलाड़ियों की डाइट और खेल आयोजनों की संख्या बढ़ाने की भी आवश्यकता है।
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