दिल्ली-एनसीआर स्थित क्राइस्ट यूनिवर्सिटी में बुधवार को मीडिया इनोवेशन सेंटर (MIC) का भव्य उद्घाटन हुआ. इस मौके पर पत्रकारिता और मीडिया के कई जाने-माने विशेषज्ञों ने अपने प्रेरणादायक विचार साझा किए.
कार्यक्रम की शुरुआत पारंपरिक दीप प्रज्ज्वलन से हुई, जिसमें विश्वविद्यालय के डीन और डायरेक्टर रेव. फादर डॉ. जॉसी पी. जॉर्ज, कैम्पस एडमिनिस्ट्रेटर रेव. फादर पीटर एमवी और अन्य प्रमुख अतिथियों ने भाग लिया. इसके बाद, रेव. फ्र. जोस्सी पी. जॉर्ज ने अपने स्वागत भाषण में कहा, ‘मीडिया इनोवेशन सेंटर (MIC) एक सशक्त मंच है, जो हमारे छात्रों को मीडिया और संचार के क्षेत्र में अपनी क्षमता को पहचानने और उसे व्यापक बनाने का अनूठा अवसर प्रदान करेगा. MIC के माध्यम से हम अपने छात्रों को न केवल शैक्षिक ज्ञान देंगे, बल्कि उन्हें व्यावहारिक अनुभव भी प्रदान करेंगे, ताकि वे भविष्य के मीडिया उद्योग में अग्रणी भूमिका निभा सकें.’
एंबेसडर डॉ. जनिस के अहम सुझाव
डॉ. जनिस डारबारी, जो मोंटेनेग्रो की भारत में एंबेसडर हैं, ने वैश्विक कूटनीति में मीडिया की भूमिका पर अपने विचार साझा किए. उन्होंने कहा, ‘मीडिया अब केवल जानकारी के आदान-प्रदान का साधन नहीं रह गया है, बल्कि यह एक सशक्त उपकरण बन चुका है, जो देशों के बीच संवाद और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देता है. आज की डिजिटल दुनिया में मीडिया की ताकत अनंत है. हमें इस शक्ति का उपयोग जिम्मेदारी से करना चाहिए, ताकि यह मानवता की सेवा में एक सकारात्मक शक्ति बन सके.’
वरिष्ठ पत्रकार अभिज्ञान प्रकाश ने कहा, ‘मीडिया का उद्देश्य केवल खबरों का प्रसार नहीं है, बल्कि समाज को सशक्त बनाना और उसे सही दिशा में मार्गदर्शन करना है. हमें हमेशा सच्चाई के प्रति प्रतिबद्ध रहना चाहिए और पत्रकारिता की नैतिकता को बनाए रखना चाहिए.’
जनमत निर्माण
पूर्व सूचना सेवा महानिदेशक सितांशु कर ने मीडिया के जरिये जनमत और नीति निर्माण पर अपने विचार रखे. उन्होंने कहा, ‘मीडिया जनमत निर्माण में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. यह न केवल सूचना का स्रोत है, बल्कि यह समाज के विचारों और दृष्टिकोणों को भी आकार देता है. हमें यह समझना चाहिए कि मीडिया की ताकत कितनी बड़ी है और इसका सही इस्तेमाल किस प्रकार से समाज और देश की भलाई में किया जा सकता है.’
मीडिया का काम लोगों की आवाज बनना
प्रसिद्ध पत्रकार ऋचा अनिरुद्ध ने अपने अनुभवों को साझा करते हुए बताया कि पत्रकारिता ने उन्हें समाज के कमजोर वर्गों की आवाज उठाने का मौका दिया. उन्होंने कहा, ‘मीडिया का कार्य केवल घटनाओं का वर्णन करना नहीं है, बल्कि उन लोगों की आवाज बनना है, जिनकी आवाज अक्सर अनसुनी रह जाती है. हमें अपने प्लेटफॉर्म का उपयोग उन मुद्दों पर रोशनी डालने के लिए करना चाहिए, जो समाज में बदलाव ला सकते हैं.’
रचनात्मकता का समावेश
डॉ. सुरेश गौर ने मीडिया शिक्षा के विकास पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा, ‘आज के दौर में मीडिया की शिक्षा केवल तकनीकी ज्ञान तक सीमित नहीं रहनी चाहिए, बल्कि इसमें नैतिकता, सामाजिक जिम्मेदारी और रचनात्मकता का भी समावेश होना चाहिए. हमें अपने छात्रों को एक व्यापक दृष्टिकोण प्रदान करना चाहिए, ताकि वे मीडिया के विभिन्न आयामों को समझ सकें और अपने कौशल का सही उपयोग कर सकें.’
मीडिया इनोवेशन सेंटर की समन्वयक निपुणिका शाहिद ने उद्घाटन समारोह में MIC की महत्वता पर विस्तार से चर्चा की. उन्होंने कहा, ‘मीडिया इनोवेशन सेंटर की स्थापना के पीछे हमारा उद्देश्य छात्रों को मीडिया के क्षेत्र में नवीनतम रुझानों और तकनीकों से परिचित कराना है. यह सेंटर न केवल एक शैक्षिक मंच प्रदान करेगा, बल्कि यह एक इन्क्यूबेटर की तरह काम करेगा, जहां छात्र अपनी रचनात्मकता और विचारों को प्रयोगात्मक रूप से आकार दे सकेंगे.’
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