

हरियाणा विधानसभा चुनाव में अप्रत्याशित हार के बाद कांग्रेस हाईकमान अब संगठन को पूरी तरह नए सिरे से खड़ा करने की तैयारी में है. चंडीगढ़ में आयोजित अहम बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी और संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने हरियाणा कांग्रेस नेताओं के साथ हार की समीक्षा की और कड़े संदेश दिए.
राहुल गांधी का स्पष्ट संदेश:
बैठक में जब कुछ नेताओं ने “वोट प्रतिशत” का हवाला देकर हार को संतुलित करने की कोशिश की, तो राहुल गांधी ने दो टूक कहा:
“वोट प्रतिशत की दुहाई मत दीजिए, सच्चाई को स्वीकार कीजिए. हम जीता हुआ मुकाबला हार गए हैं.” यह बयान साफ करता है कि पार्टी अब आत्ममंथन से पीछे नहीं हटेगी.
गुटबाज़ी और टिकट बंटवारे पर सवाल
बैठक में यह स्वीकार किया गया कि टिकट बंटवारे में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के प्रभाव से अन्य गुट हाशिए पर चले गए. कांग्रेस नेतृत्व का इशारा था:
“चुनाव के दौरान राज्य में सियासी असंतुलन हुआ, जो आगे नहीं होगा.” यह बयान भी बहुत महत्वपूर्ण और कड़ा है
अब संगठन में होगी ‘सर्जरी’
सूत्रों ने बताया कि राहुल गांधी ने कहा कि अगले दो महीने में हरियाणा को पूरी तरह नया संगठन मिलेगा. पहले प्रदेश अध्यक्ष और विधायक दल के नेता तय होंगे, फिर जिला इकाइयों का पुनर्गठन होगा. संकेत साफ हैं इस बार युवा, जमीनी और गैर-गुटीय चेहरों को संगठन में प्राथमिकता दी जाएगी.
सूत्रों के अनुसार कांग्रेस मानती है कि अगर गुटबाज़ी और टिकट असंतुलन पर नियंत्रण रहता, तो चुनाव परिणाम अलग हो सकते थे. अब फोकस है समय रहते संगठन को मज़बूत किया जा सके . हरियाणा विधानसभा चुनाव संपन्न हुए करीब 7 से 8 महीने हो चुके हैं लेकिन उसके बावजूद भी कांग्रेस पार्टी अब तक हरियाणा का नया प्रदेश अध्यक्ष और विधायक दल का नेता नहीं चुन पाई है जिसके चलते इस बैठक के बाद ऐसा अंदेशा है कि हरियाणा कांग्रेस में बड़ा बदलाव तय है. पार्टी नेतृत्व अब हार से सीख लेकर भविष्य की ज़मीन तैयार कर रहा है और संगठन की सर्जरी होगी .
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