Byjus ED Case: ऑनलाइन एजुकेशन प्रदान करने वाली कंपनी बायजूस पर अब ईडी का शिकंजा मजबूत होता जा रहा है. एजेंसी ने कंपनी के वित्तीय मामलों की जांच के बद करीब 9000 करोड़ रुपये की हेराफेरी के आरोप लगाए हैं. बता दें कि इस साल ही ईडी ने बायजूस समेत कंपनी के कई परिसरों पर छापेमारी की थी. ईडी ने जांच के दौरान विदेशी मुद्रा विनिमय अधिनियम यानी फेमा से जुड़े मामले में उल्लंघन पाया है, जिसके चलते कंपनी की मुश्किलें बढ़ गई हैं. बता दें कि इस कंपनी को विदेशों से मोटा फंड मिला है.
ईडी ने बायजूस के खिलाफ ताबड़तोड़ कार्रवाई की थी. इस दौरान उसे ये भी पता लगा था कि 2011 से 2023 के बीच कंपनी को करीब 28,000 करोड़ रुपए प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) मिला है. इसी दौरान कंपनी ने विदेशों में सीधे निवेश के लिए करीब 9,754 करोड़ रुपए भेजे. कंपनी ने विदेशों में जो पैसे भेजे उसमें करीब 944 करोड़ रुपए विज्ञापन और मार्केटिंग के नाम पर खर्च किए गए थे. खास बात यह है कि कंपनी के काम करने के तरीके को लेकर उसके इंवेस्टर्स से लेकर कई बोर्ड मेंबर भी सवाल उठा चुके थे. इसकी वजह यह थी कि कंपनी ने अपने खातों का ऑडिट तक नहीं करवाया था. इतना ही नहीं, कंपनी ने 2020-21 से अपने फाइनेंशियल स्टेटमेंट तैयार ही नहीं किए हैं, पुरानी रिपोर्ट्स भी कंपनी ने काफी देरी से जारी की थी.
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कंपनी की स्थिति को लेकर ईडी का कहना है कि कंपनी का बही-खातों का सही से ऑडिट नहीं कराया गया है. इसके चलते एजेंसी को भी जांच करने में दिक्कतें आ रही हैं. ईडी ने जांच को आगे बढ़ाने के लिए दूसरा रास्ता अपनाया है और बैंक स्टेटमेंट के आधार पर जांच शुरू कर दी है. ईडी ने कई व्यक्तियों से मिली निजी शिकायतों के आधार पर बायजूस के खिलाफ जांच शुरू की थी. इसके बाद से ही लगातार केंद्रीय जांच एजेंसी कंपनी के खिलाफ कार्रवाई कर रही है. ध्यान देने वाली बात यह है कि समन के बावजूद अब तक एक भी बार कंपनी के फाउंडर रवीन्द्रन बायजू ईडी के पास नहीं पहुंचे हैं, जिसके चलते उनके खिलाफ सख्त एक्शन हो सकता है.
-भारत एक्सप्रेस
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