खतौली उपचुनाव में आरएलडी देगी बीजेपी को टक्कर
मुजफ्फरनगर की खतौली उपचुनाव पर निर्वाचन आयोग की तारीखों के ऐलान के बाद यहां की सियासी गर्मी अब तेज हो गई है. आरएलडी अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद जयंत चुनौती ने मैदान में बीजेपी के सामने अपना उम्मीदवार उतारने का बड़ा ऐलान कर दिया है.
बीजेपी के विधायक विक्रम सिंह सैनी की विधायकी जाने के बाद खतौली सीट पर उपचुनाव की तैयारियां चल रही है. चुनाव आयोग ने जैसे ही तारीखों का ऐलान किया उसके बाद जयंत चौधरी ने कहा कि उनकी पार्टी भी उपचुनाव में मैदान में उतरेगी. जिसके बाद से इस क्षेत्र में सियासी हलचल तेज हो गई है.
खतौली उपचुनाव में बीजेपी को टक्कर देगी आरएलडी
जयंत चौधरी आज बागपत में एक वालीबॉल प्रतियोगिता का उद्घाटन करने पहुंचे थे. इसी दौरान उन्होेंने मीडिया से बातचीत की और खतौली उपचुनाव पर अपनी सियासी रणनीति पर खुलकर बात की. उन्होंने पत्रकारों को बताया कि रालोद का प्रत्याशी भी उपचुनाव में मैदान में उतरेगा. पिछले 2 विधानसभा चुनाव में हार के बाद इस बार उपचुनाव में आरएलडी बीजेपी को टक्कर देने का मन बना रही है. जिस तरह से जयंत चौधरी ने बीजेपी विधायक विक्रम सिंह को घेरकर उनकी विधायकी रद्द कराई उससे ऐसा अनुमान लगाया जा रहा था कि अगर विक्रम सिंह की विधायकी गई और उपचुनाव हुआ तो आरएलडी अपना प्रत्याशी मैदान में उतार सकती है. ऐसा ही जयंत चौधरी ने आज ऐलान किया. हालंकि उन्होंने अभी तक प्रत्याशी के नाम की घोषणा नहीं की है.
आरएलडी नेताओं ने खतौली में जमाया डेरा
बीजेपी विधायक विक्रम सिंह सैनी के मुजफ्फरनगर दंगों में दोषी पाए जाने के बाद एमपी-एमएलए कोर्ट ने उन्हें 2 साल की सजा सुनाई. लेकिन उनकी विधायकी बनी रही तो रालोद अध्यक्ष जयंत चौधरी ने विधानसभा स्पीकर सतीश महाना को पत्र लिखकर नियमों के तहत उनकी विधायकी छिनवा ली. इसके बाद दोनों पार्टीयों के बीच जुबानी जंग तेज हो गई. विक्रम सिंह ने इस्तीफे के बाद जयंत चौधरी पर टिप्पणी की थी, जिसके बाद आरएलडी के नेताओं ने खतौली में डेरा जमा लिया है. पार्टी के कार्यकर्ता चुनाव की तैयारियों में लग गए हैं.
बीजेपी के सामने चुनौती पेश करने के लिए जयंत अध्यक्ष ने कमर कस ली है. एक बार फिर खतौली की जनता का भरोसा जीतकर आरएलडी अपना खोया दबदबा हासिल करना चाहेगी. जिसके लिए आगामी 15 नवंबर को जयंत चौधरी रोड शो करेंगे. इस चुनाव में रालोद के पास एक बड़ा मौका है कि वो इस चुनाव में पार्टी को जीत दिला कर पश्चिमी यूपी में अपने पिता अजीत सिंह और दादा चौधरी चरण सिंह के दबदबे को दुबार हासिल कर सके.
-भारत एक्सप्रेस