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पूजा समितियों को अनुदान पर कोलकाता हाईकोर्ट की ममता सरकार को सशर्त अनुमति

Kolkata High Court's conditional permission to Mamta government on grants to worship committees

Kolkata High Court's conditional permission to Mamta government on grants to worship committees

कोलकातापश्चिम बंगाल के कोलकाता हाईकोर्ट की एक खंडपीठ ने मंगलवार को पश्चिम बंगाल सरकार को राज्य में 43,000 सामुदायिक दुर्गा पूजा समितियों को 60,000 करोड़ रुपये का दान देने की मंजूरी दे दी है। राज्य सरकार को सामुदायिक पूजा समितियों को 60,000 करोड़ रुपये का दान देने से रोकने के लिए कई जनहित याचिकाओं को खारिज करते हुए कोलकाता हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव और न्यायमूर्ति राजर्षि भारद्वाज की खंडपीठ ने छह शर्तें लगाईं है।हालांकि राज्य सरकार की ओर से दिए जाने वाले दान और बिजली सब्सिडी का विरोध भी हो खूब हुआ,लेकिन अदालत के सामने याचिकाकर्ताओं के तर्क टिक नहीं पाए.

हालांकि  जब आदेश पारित किया गया तो पीठ ने उन छह शर्तों के बारे में नहीं बताया। इसके विपरीत संबंधित पक्षों को कलकत्ता हाईकोर्ट की वेबसाइट पर अपलोड किए जाने के बाद आदेश की पूरी कॉपी की जांच करने की सलाह दी। 22 अगस्त को, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 43,000 सामुदायिक दुर्गा पूजा समितियों को 60,000 करोड़ रुपये देने की घोषणा की है, जिससे राज्य के खजाने पर 258 करोड़ रुपये का दबाव पड़ेगा। इसके साथ ही उन्होंने इन सामुदायिक पूजा समितियों के बिजली बिलों पर 60 प्रतिशत सब्सिडी देने की भी घोषणा की है जिसकी बीजेपी ने सख्त आलोचना की थी.

खंडपीठ में कई जनहित याचिकाएं दायर करते हुए याचिकाकर्ताओं ने तमाम महत्वपूर्ण तर्क रखे जो कि काफी हद तक सच्चाई के निकट भी हैं.उनका तर्क था कि ममता सरकार जब राज्य सरकारी कर्मचारियों को महंगाई भत्ते के बकाया का भुगतान करने में असमर्थ है तो वह सामुदायिक दुर्गा पूजा समितियों को करोड़ों का दान कैसे दे सकती है।

राज्य के महाधिवक्ता एस.एन. मुखोपाध्याय ने तर्क दिया कि पूरा खर्च सार्वजनिक उद्देश्यों के लिए किया जा रहा है क्योंकि राज्य सरकार का उद्देश्य राज्य की समृद्ध विरासत की रक्षा और प्रचार करना है। दुर्गा पूजा राज्य की अनमोल विरासत का एक हिस्सा है। मामले में विस्तृत दलीलें सुनने के बाद अदालत ने आखिरकार मंगलवार सुबह राज्य सरकार को पूजा समितियों को अनुदान देने की सशर्त सहमति दे दी।

-आईएएनएस

 

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