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पाकिस्तान के सिर से नहीं उतर रहा कश्मीर का भूत,UN में रोए शाहबाज शरीफ

यूएन में पाकिस्तानी पीएम का कश्मीर राग

बाढ़ और कंगानी से बुरी तरह जूझ रहे पाकिस्तान के सिर से कश्मीर का भूत नहीं उतर रहा है.संयुक्त राष्ट्र महासभा में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने शांति पर तो ज़ोर दिया लेकिन कश्मीर का राग फिर से छेड़ दिया.इससे पहले पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो भी यूएन में पाकिस्तान का मुद्दा उठा चुके हैं.बदले में उनको भारत की ओर से भी मुकम्मल जवाब मिला ,लेकिन कल शाहबाज शरीफ ने बड़ी चालाकी से दोनों देशों  के बीच शांति पर जोर दिया लेकिन कश्मीर मुद्दे का रोना भी रोया साथ ही धारा 370 फिर से बहाल करने की मांग की.

पाकिस्तान का दोमुंहापन

पाकिस्तान अपने 75 वर्ष के इतिहास की सबसे विनाशकारी बाढ़ से जूझ रहा है. बारिश से जुड़े हादसों में वहां सैकड़ों लोग मारे जा चुके हैं और हजारों लोगों के घर-दुकान सब तबाह हो चुके है. पहले ही कंगाल हो चुका पाकिस्तान अब अपनी आबादी को राहत देने के लिए दुनिया से मदद मांग रहा है.अपनी स्पीच में पाकिस्तानी पीएम ने कहा, 1947 के बाद से हम दोनों देश अब तक 3 युद्ध कर चुके हैं. इन युद्धों से दोनों ओर केवल गरीबी, दुख और बेरोजगारी बढ़ी है. अब यह हम पर निर्भर करता है कि हम अपनी समस्याओं, मतभेदों और मुद्दों का समाधान शांतिपूर्ण बातचीत के माध्यम से करें. इसके लिए भारत को अनुकूल माहौल बनाने की जरूरत है. हम पड़ोसी हैं और हमेशा बने रहेंगे. हम एक-दूसरे को बदल नहीं सकते. ऐसे में हमें तय करना होगा कि हम शांति से रहें या एक-दूसरे से लड़ते रहें.’

कश्मीर मुद्दे को नहीं छोड़ेंगे

जम्मू कश्मीर का मुद्दा उठाते हुए शहबाज शरीफ ने कहा, ‘भारत ने जम्मू-कश्मीर में सेना की तैनाती काफी बढ़ा दी है.भारत ने उन्नत किस्म के हथियार और ड्रोन भी खरीदेंहैं.उन्होंने भारत पर आरोप लगाया कि कश्मीर मुद्दे के समाधान ना होने के कारण इलाके में हथियारों की होड़ बढ़ गयी है  लेकिन पाकिस्तानी जनता पहले की तरह पूरी एकजुटती के साथ खड़ी है और आगे भी सपोर्ट करती रहेगी.

भारत पर लगाए आरोप

पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने 5 अगस्त 2019 को एकतरफा और अवैध फैसला करते हुए कश्मीर का स्टेटस बदल दिया जिससे शांति की संभावनाओं को झटका लगा. इस कदम से इस इलाके में तनाव काफी बढ़ा हुआ है. हम भारत समेत अपने सभी पड़ोसियों के साथ अमन चाहते हैं. दक्षिण एशिया में स्थायी शांति और स्थिरता, जम्मू- कश्मीर मुद्दे के उचित और स्थायी समाधान पर निर्भर है.’

-भारत एक्सप्रेस

 



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