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AI के गलत इस्तेमाल से चिंतित पीएम मोदी, रश्मिका समेत कई Actresses का आ चुका है डीपफेक वीडियो

केंद्र सरकार ने इस तरह के मामलों के पीड़ितों को पुलिस के पास शिकायत दर्ज करने, और ‘सूचना प्रौद्योगिकी नियमों के तहत उपलब्ध उपायों का फायदा उठाने’ की सलाह दी है.

पीएम मोदी

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PM Modi On Deepfake: पीएम मोदी ने डीपफेक वीडियो बनाने के लिए AI के दुरुपयोग पर चिंता जताया है. उन्होंने चैटजीपीटी टीम डीपफेक को ऐसे वीडियो इंटरनेट पर प्रसारित होने पर चेतावनी जारी करने को कहा है. पीएम मोदी ने गरबा करते हुए अपने एक डीपफेक वीडियो का भी हवाला दिया. पीएम मोदी ने कहा, “मैंने हाल ही में एक वीडियो देखा, जिसमें मैं गरबा गीत गाते नजर आ रहा हूं. ऐसे कई अन्य वीडियो सोशल मीडिया पर अवेलेबल है.

कई मशहूर एक्ट्रेस का डीपफेक वायरल

बता दें कि पीएम मोदी शुक्रवार को भाजपा मुख्यालय पर दिवाली मिलन समारोह में एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने AI और डीपफेक के बढ़ते खतरे के बारे में भी विस्तार से बताया. उन्होंने कहा कि डीपफेक का मंडराता खतरा एक बड़ी चिंता का विषय बन गया है और कई समस्याएं पैदा कर सकता है. बता दें कि हाल के दिनों में कई मशहूर एक्ट्रेस का वीडियो वायरल हुआ था. बाद में पता चला कि यह डीपफेक का इस्तेमाल करके बनाया गया था.

जब रश्मिका मंदाना हुई डीपफेक का शिकार

हाल ही में अभिनेत्री रश्मिका मंदाना का डीप फेक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसके बाद दिल्ली पुलिस ने एफआईआर भी दर्ज की थी. इसके बाद अभिनेत्रा काजोल का भी डीपफेक वीडियो वायरल हुआ था. इस वीडियो में एक महिला को कैमरे के सामने कपड़े बदलते देखा जा रहा है.वीडियो में दावा किया गया है कि कैमरे के सामने कपड़े बदल रही महिला कोई और नहीं बल्कि काजोल है. हालांकि, वीडियो में यह साफ पता चल रहा है कि इस वीडियो में काजोल के चेहरे का गलत इस्तेमाल किया गया है.  इसमें काजोल का चेहरा मॉर्फ करके इस्तेमाल किया गया है.

बताते चलें कि डीपफेक का उपयोग जानबूझकर गलत जानकारी फैलाने के लिए किया जाता है. इसका इस्तेमाल लोगों को परेशान करने, डराने, नीचा दिखाने और कमजोर करने के लिए डिज़ाइन किया जा सकता है. डीपफेक महत्वपूर्ण मुद्दों के बारे में गलत सूचना और भ्रम भी पैदा कर सकते हैं.

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केंद्र सरकार ने इस तरह के मामलों के पीड़ितों को पुलिस के पास शिकायत दर्ज करने, और ‘सूचना प्रौद्योगिकी नियमों के तहत उपलब्ध उपायों का फायदा उठाने’ की सलाह दी है. केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने पिछले सप्ताह कहा था कि गलत सूचनाओं के फैलाव को रोकना ऑनलाइन प्लेटफार्मों की ‘कानूनी ज़िम्मेदारी’ है. पीएम मोदी से पहले उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने एआई और डीप फेक वीडियो को दोगुने हथियार करार देते हुए कहा था कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता के आगमन ने नई चुनौतियां भी पैदा की हैं.

 

-भारत एक्सप्रेस

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