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भारत चीन की सीमा पर टूट रहा है गतिरोध,मोदी सरकार की बड़ी सफलता

नई दिल्ली-  भारत- चीन  के बीच पिछले 2 साल से जंग जैसे हालात बने हुए थे.सीमा पर गतिरोध दूर करने के लिए दोनों के सैन्य कमांडरों और विदेश मंत्रालय के स्तर पर  कई दौर की बातचीत भी हो चुकी है. इस बीच दोनों देशों के सैनिकों के बीच कई बार आपसी झड़पें भी हुई.लेकिन गोलियां नहीं चलीं.अलबत्ता 2020 में गलवान घाटी में दोनों देशों के बीच हुई झड़प के बाद युद्ध जैसा माहौल बन गया था. इस झड़प में भारत के 20 सैनिक शहीद हुए थे, जिसके जवाब में भारतीय सेना ने चीन के करीब 40-45 सैनिक मार गिराए थे.हालांकि चीन ने अपने सैनिकों की मौत से जुड़ी जानकारी को बखूबी छिपा लिया. अब दोनों देशों ने आपसी तनाव को कम करने की दिशा में एक उचित कदम उठाया है.देश में इसे मोदी सरकार की बड़ी सफलता के तौर पर देखा जा रहा है.

भारत और चीन की सैन्य सेना पूर्वी लद्दाख के ‘गोगरा-हॉटस्प्रिंग्स’ इलाके से पीछे हटेंगीं. इस बात की जानकारी भारतीय विदेश मंत्रालय की ओर से दी गई है. विदेश मंत्रालय के मुताबिक भारत औऱ चीन की सेना गोगरा-हॉटस्प्रिंग्स के ‘पेट्रोलिंग प्वाइंट 15’ से पीछे हटने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. विदेश मंत्रालय की ओर से एक बयान जारी करते हुए बताया गया कि.. ‘गोगरा-हॉटस्प्रिंग्स’ इलाके से भारत औऱ चीन की सेनाओं ने 8 सितंबर से पीछे हटने की प्रकिया शुरु कर दी है. जिसे 12 सितंबर तक पूरा कर लिया जाएगा. विदेश मंत्रालय के  इस बयान में कहा गया है कि दोनों देश के बीच चरणबद्ध औऱ सत्यापित तरीके से इस इलाके में सेना की तैनाती को रोकने के लिए सहमती बनी है. जिसके तहत दोनों देशों की सेनाओं को अपने-अपने इलाकों में वापस भेज दिया गया है.

भारत-चीन के बीच 2 साल से था गतिरोध

दोनों देशों की सेना पहले भी पीछे हट चुकी है

बता दें ‘गोगरा-हॉटस्प्रिंग्स’ इलाकें में भारत और चीन के बीच पिछले 2 सालों से भी अधिक समय से गतिरोध बना हुआ था. जिसके बाद यहां दोनों देशों के रक्षा मंत्रालयों ने अपने सैनिकों की तैनाती कर दी थी. 8 सितंबर को दोनों देशों ने एक साझा बयान जारी किया था. जिसमें कहा गया था कि दोनों देशों की सेनाएं इस इलाके से पीछे हटेंगी. इससे पहले फरवरी 2021 में पेंगोंग लेक औऱ फिर अगस्त में गोगरा-हॉट स्प्रिंग के पेट्रोलिंग प्वाइंट-17 से भारत और चीन की सेनाएं आपसी सहमति के बाद पीछे हटी थी.

-भारत एक्सप्रेस



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