

छत्तीसगढ़ शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूर्व आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा को सुप्रीम कोर्ट से बडी राहत मिल गई है. सुप्रीम कोर्ट ने कुछ शर्तों के साथ जमानत दे दिया है. जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस उज्ज्वल भुइयां की बेंच ने यह आदेश दिया है. अनिल टुटेजा शराब नीति घोटाला मामले में टुटेजा को एक साल से अधिक समय तक जेल में रहने के आधार पर जमानत दे दिया है.
कोर्ट ने अपने आदेश में टुटेजा को पासपोर्ट सरेंडर करने को कहा है, कोर्ट ने यह भी कहा है कि टुटेजा जांच में सहयोग करेंगे. गवाहों को प्रभावित नही करेंगे. टुटेजा 21 अप्रैल 2024 को गिरफ्तार किया था. कोर्ट ने कहा कि इस मामले में अधिकतम सात साल कैद की सजा हो सकती है. इस लिए सेंथिल बालाजी फैसले में इस अदालत द्वारा निर्धारित सिद्धांत लागू होगा. इस मामले में एक सहआरोपी को जमानत मिल चुकी है. जिसके आधार पर कोर्ट ने टुटेजा का जमानत दे दिया है. इससे पहले कोर्ट ने ईडी द्वारा टुटेजा को बुलाने और गिरफ्तार करने की जल्दबाजी और गिरफ्तारी के तरीके पर चिंता जताई थी.
हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने ईडी से टुटेजा को समन भेजने में अपनाई गई प्रक्रिया को स्पष्ट करने को कहा था. ईडी को फटकार लगाते हुए कहा था कि ईडी की लंबी जांच पर सवाल उठाते हुए कहा था कि अगर वे चार साल में जांच पूरी नही कर सकते तो मैं क्या कर सकता हूं? टूटेजा के वकील ने दावा किया था कि चार साल पहले हाई कोर्ट के अग्रिम जमानत दिए जाने के बाद से ईडी ने जांच में कोई खास प्रोग्रेस नही किया है.
जिसके बाद कोर्ट ने ईडी को टूटेजा के खिलाफ सबूतों के ब्यौरा देते हुए हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया था. बता दें कि शराब घोटाले में अनिल टुटेजा और उनके बेटे यश टुटेजा की किसी भी तरह भूमिका को सुप्रीम कोर्ट खारिज कर चुका है. दोनों के खिलाफ कोरोसिव एक्शन का आदेश भी था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट केस खारिज करने के बाद ईडी ने फिर से शराब घोटाले में एफआईआर दर्ज कर ली है. उधर, ईडी के प्रतिवेदन के आधार पर ईओडब्ल्यू ने भी केस दर्ज किया है.
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-भारत एक्सप्रेस
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