प्रतीकात्मक फोटो
राऊज एवेन्यु कोर्ट ने भाजपा के पूर्व विधायक नील दमन खत्री और उनके सहयोगी को दंगा करने एवं लोक सेवकों पर हमला करने का दोषी ठहराया है. आरोप के अनुसार उनके नेतृत्व में एक भीड़ ने नरेला इलाके में अतिक्रमण रोधी टीम पर पथराव किया था. राऊज एवेन्यू कोर्ट के विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने ने कहा कि दंगाई भीड़ को सरकारी अधिकारियों की पहचान और उद्देश्य का पता था.
उन्होंने कहा कि पूर्व विधायक खत्री को गवाहों ने भीड़ का नेतृत्व करने वाले के रूप में या उसके साथ चलने वाले के रूप में पहचाना है. वे उस समय एक नेता की भूमिका में भी थे. उन्हें महज एक आम तमाशबीन या भागीदार के रूप में नहीं देखा जा सकता है. इस दशा में आरोपी नील दमन खत्री एवं जोगिंदर दहिया को आईपीसी की धारा 143 (अवैध सभा का सदस्य होने), 147 (दंगा करने), 149 (अवैध सभा करने), 353 (लोक सेवक को उसके कर्तव्य निर्वहन से रोकने के लिए हमला या बल का प्रयोग करने) तथा 149 के तहत दोषी ठहराया जाता है.
न्यायाधीश ने इसके साथ ही आरोपी राज कुमार, सुरेन्द्र, प्रवीण और भीम सेन को यह कहते हुए बरी कर दिया कि यह साबित करने के लिए कोई सबूत नहीं है कि वे गैरकानूनी सभा के सदस्य थे या उन्होंने पुलिस अधिकारियों को चोट पहुंचाई थी. यह मामला खत्री, दहिया और चार अन्य के खिलाफ था. उन सबों पर 14 नवंबर 2014 को अतिक्रमण रोधी अभियान चला रहे सरकारी अधिकारियों के खिलाफ लगभग 250 लोगों की भीड़ का नेतृत्व करने का आरोप था.
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-भारत एक्सप्रेस
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